यूपी मेंप्रवासी श्रमिकोंको लेकर बीते तीन दिनोंजमकर सियासत हुई। कांग्रेस की यूपी महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार को प्रवासी श्रमिकों को उनकेघर तक पहुंचाने के लिए 1000 बसों की सहायता की पेशकश की। उन्होंने कहा कि सड़कों पर पैदल चल रहे यह लोग देश की रीढ़ है। यह हमारे लोग है इनकी मदद होनी चाहिए। इसके लिए प्रियंका ने कांग्रेस पार्टी की ओर 1000 बसों की मदद की पेशकश योगी स रकार को की थी लेकिन इस पर लगातार सियासत होती रही। अंत में बस प्रकरण में कांग्रेस की अपनी एक विधायक ने पार्टी के खिलाफ टिप्पणी की। कांग्रेस की राय बरेली से विधायक अदिति सिंह ने अपनी ही पार्टी और प्रियंका के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। अब उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। उन पर पार्टी विरोधी गतिविधि करने का आरोप है। गौरतलब है कि विधायक अदिति ने बुधवार को ट्वीट कर अपनी पार्टी को कटघरे मे ंखड़ा कर दिया था। उन्होंने लिखा, आपदा के समय इस तरह की निम्नस्तरीय राजनीति उचित नहीं है। आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत है। एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फजीर्वाड़ा है। 297 कबाड़ बसें, 98 आॅटो रिक्शा व एंबुलेंस जैसी गाड़ियां और 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है। अगर बसें थीं तो राजस्थान, पंजाब और महाराष्ट्र में क्यों नहीं लगाईं। कोटा में जब यूपी के हजारों बच्चे फंसे थे, तब कहां थीं ये बसें। कांग्रेस सरकार इन बच्चों को घर तक तो छोड़िए, बार्डर तक न छोड़ पाई। तब सीएम योगी आदित्यनाथ ने रातोंरात बसें लगाकर इन बच्चों को घर पहुंचाया। खुद राजस्थान के सीएम ने भी इसकी तारीफ की थी। बता दें कि अदिति काफी समय से पार्टी लाइन के खिलाफ काम कर रहीं थीं। उनके कांग्रेस के प्रति बगावती तेवर थे । उन्होंने पहले पार्टी के निर्णय के विपरीत विधानसभा के विशेष सत्र में हिस्सा लिया था। । इसके लिए उन्हें कांग्रेस पार्टी की ओर से नोटिस भी जारी किया गया था।