भले ही आज भारत को आजाद हुए कई साल बीत गए हैं लेकिन अब तक भाषा पर विवाद चल रहा है। 14 सितंबर को हिंदी दिवस पूरे देश में मनाया जाता है। हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा के रूप में पहचानी जाती है। लेकिन आज भी इसका विरोध करने वाले है। आज पूरे देश में जोर-शोर से हिंदी दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में कहा कि हमारे देश में एक भाषा होने की जरूरत है। यह बात डीएमके के अध्यक्ष एमके स्टालिन को नहीं भाई। उन्होंने इस पर आपत्ति जताई है और यहां तक कि उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह को अपना बयान वापस लेने तक कह दिया है। उन्होंने हिंदी थोपे जाने का विरोध किया है। स्टालिन ने कहा, ‘हम लगातार हिंदी थोपे जाने का विरोध कर रहे हैं। आज अमित शाह द्वारा दिए गए बयान से हमें झटका लगा है। इससे देश की एकता पर फर्क पड़ेगा। हम मांग करते हैं कि वह अपने इस बयान को वापस लें। सोमवार को हमारी कार्यकारिणी की बैठक है जिसमें हम इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएंगे।’स्टालिन के अलावा कर्नाटक में भी हिंदी का विरोध देखने को मिला। रणधीरा पाडे और अन्य कन्नड़ संगठन के समर्थकों ने बंगलूरू में टाउन हॉल के सामने धरना दिया।