Amit Shah In Gujarat, (आज समाज), गांधीनगर: केंद्र सरकार ने संविधान दिवस से पहले (26 नवंबर ) सजा का एक तिहाई हिस्सा काट चुके कैदियों को न्याय देने का संकल्प लिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात की राजधानी गांधीनगर में आयेजित 50वें अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान सम्मेलन को संबोधित करते हुए आज यह बात कही।
अमित शाह ने गांधीनगर डाक टिकट प्रदर्शनी ‘फिला विस्टा 2024’ का उद्घाटन भी किया। इसके अलावा वह दांडी कुटीर संग्रहालय भी गए।
60 प्रावधानों की शुरूआत का जिक्र
गृह मंत्री ने कहा, न्यायालयों, अभियोजकों और पुलिस को अपने कर्तव्यों में तेजी लाने के लिए बाध्य करने वाले लगभग 60 प्रावधानों की शुरूआत के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, हमने यह भी तय किया है कि यदि एक निश्चित अवधि के बाद ट्रायल नहीं चल रहा है, तो कुछ अपराधों को छोड़कर जो बहुत गंभीर नहीं हैं, जेल अधिकारी को खुद जमानत प्रक्रिया अदालत के अंदर पेश करनी होगी।
पुलिस को जवाबदेह बनाने के लिए काम किया
अमित शाह ने बताया, सरकार का प्रयास है कि संविधान दिवस से पहले देश की जेलों में एक भी कैदी ऐसा न हो जिसने अपनी एक तिहाई सजा काट ली हो और उसे अभी तक न्याय न मिला हो। उन्होंने कहा, पुलिस को जवाबदेह बनाने के लिए बहुत काम किया गया है। यही नहीं, पुलिस को ताकत देने के लिए भी बहुत काम किया गया है।
इसलिए 26 को मनाया जाता है संविधान दिवस
गृह मंत्री ने बताया कि भारत के संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में संविधान दिवस हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है। इस दिन संविधान के आदर्शों और सिद्धांतों पर प्रकाश डाला जाता है और उनकी पुष्टि की जाती है। उन्होंने कहा, यह हमारे संस्थापक पिताओं के योगदान को सम्मान और मान्यता देता है।
इन समस्याओं का समाधान खोजने पर जोर
अमित शाह ने अपने संबोधन में साइबर अपराध, सीमा सुरक्षा, अवैध ड्रोन उपयोग, नशीले पदार्थों और डार्कनेट के दुरुपयोग जैसी वैश्विक चुनौतियों का समाधान खोजने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, ताकि कानून तोड़ने वालों से दो कदम आगे रहा जा सके। उन्होंने कहा, आने वाले दिनों में हमारे सामने कुछ चुनौतियां हैं और ये चुनौतियां न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व के लिए हैं। भारत को इसका समाधान खोजना चाहिए।
कानून तोड़ने वालों से दो कदम आगे रहना होगा
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें हमें कानून तोड़ने वालों से दो कदम आगे रहना चाहिए। ये हैं साइबर अपराध, घुसपैठ-तकनीक के जरिए सीमाओं की सुरक्षा, ड्रोन का अवैध इस्तेमाल, इसकी रोकथाम और दमन, नशीले पदार्थ और इसकी जांच में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल व डार्कनेट के दुरुपयोग पर लगाम।
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