Mishri benefits: आमतौर पर रसोई में पाई जाने वाली मिश्री कई तरह से इस्तेमाल की जाती है। कभी सौंफ में मिलाकर बतौर माउथ फ्रेशनर खाई जाती है तो कभी बार बार आने वाली खांसी के दौरान इसका सेवन किया जाता है। क्रिस्टल के समान दिखने वाली मिश्री पूरी तरह से अनरिफांइड होती है। यूं तो डायबिटीज़ के मरीजों को चीनी खाने से रोका जाता है। मगर क्या क्रिस्टल शुगर यानि मिश्री उनके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। आइए जानते हैं
गन्ने के रस से मिश्री को बनाया जाता है। रस को पानी में डायल्यूट करके मिशरी को बनाया जाता है और ये क्रिस्टल की फॉर्म में दिखने लगती है। इसे चीनी के समान केमिकल्स से रिफाइन करने की जगह रॉ फॉर्म में प्रयोग किया जाता है। मिश्री तीन प्रकार की होती है। एक धागे वाली, दूसरा क्रिस्टलाइज़ लंप्स और तीसरी छोटे क्रिस्टल फॉर्म में पाई जाती है।
जानें मिश्री किस प्रकार से है सेहत के लिए फायदेमंद
1. डाइजेशन को करे इंप्रूव
मिश्री एक अल्कलाइन फूड है। इसे खाना खाने के बार 1 से 2 दाने खाने से न केवल शुगर क्रेविंग को कम किया जा सकता है बल्कि डज्ञइजेस्टिव जूसिज़ भी स्टीम्यूलेट होने लगते हैं। इसके चलते खाने के बाद ब्लोटिंग और अपच की समस्या से बचा जा सकता है। एक ओर शुगर की गिनती एसिडिक फूड में की जाती है, तो मिश्री पूरी तरह से रसायनों से मुक्त होती है। इसे कम मात्रा में खाना चाहिए।
2. शरीर में एनर्जी को बढ़ाए
थकान महसूस करने के दौरान मिश्री का सेवन करने से शरीर को कार्ब्स की प्राप्ति होती है। इससे शरीर में सेल्स, टिशूज और बॉडी ऑर्गन्स को एनर्जी की इंस्टेंट प्राप्ति होती है। सीमित मात्रा में दसका सेवन करने से शरीर के वज़न को मेंटेन रखा जा सकता है।
3. माउथ फ्रेशनर के रूप में होती है इस्तेमाल
सदियों से मील्स के बाद सौंफ और मिश्री को मिलाकर खाने की रिवायत यूं ही चली आ रही है। इससे न केवल मुंह में अनहेल्दी बैक्टीरिया से राहत मिलती है बल्कि सांस की दुर्गंध को भी नियंत्रित किया जा सकता है।
4. गले की खराश करे दूर
क्रिस्टल शुगर में ग्लाइकोलिक एसिड पाया जाता है। इससे गले में बढ़ने वाले संक्रमण की रोकथाम में मदद मिलती है। बार बार आने वाली खांसी को दूर करने के लिए मिश्री का सेवन करें। इससे शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ने लगता है और ब्लड सर्कुलेशन उचित बना रहता है।