मनोज जोशी
वेटलिफ्टिंग में इस बार भारत की ओर से टोक्यो ओलिम्पिक खेलों में एकमात्र एंट्री मीराबाई चानू की है, जो महिलाओं के 49 किलो वर्ग में चुनौती रखेंगी और उनकी इवेंट 23 जुलाई को ओपनिंग सेरेमनी से अगले ही दिन है। यानी पहले ही दिन भारत के पदकों की शुरुआत उनके पदक से हो सकती है।
हालांकि मीराबाई चानू ने पिछली बार रियो ओलिम्पिक में भी शिरकत की थी। तब स्नैच इवेंट में वह 82 किलो वजन उठाकर तीसरे स्थान पर थीं लेकिन क्लीन एंड जर्क में पहले प्रयास में 103 किलो वजन उठाने में सफल न होने के बावजूद उन्होंने दूसरे प्रयास में तीन किलो अधिक वजन की चुनौती रखी जिसमें वह कारगर नहीं रही और तीसरे प्रयास में भी ये वजन न उठाने के
फलस्वरूप वह इस इवेंट में डिस्क्वॉलीफाई हो गईं।
तब उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि इसी क्लीन एंड जर्क की इवेंट में एक दिन वर्ल्ड रिकॉर्ड उनके नाम होगा। दो साल पहले ताशकंत में हुई एशियाई चैम्पियनशिप में उन्होंने 119 किलो वजन उठाकर सबको चौंका दिया और स्नैच में वह 86 किलो वजन उठाने में सफल रही थीं। इस तरह उन्होंने कुल 207 किलो वजन उठाकर अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
यही मीराबाई चार साल पहले कुल 196 किलो वजन उठाने के साथ वर्ल्ड चैम्पियन बन गई थीं। इससे ज़्यादा वजन तो वह पिछले साल नैशनल चैम्पियनशिप में उठा चुकी हैं लेकिन तब से लेकर अब तक प्रतियोगिता का स्तर काफी ऊंचा हुआ है। ताशकंद में हुई एशियाई चैम्पियनशिप में तो कुल 205 किलो से कम उठाने वाले किसी प्रतियोगी को पदक ही नसीब नहीं हो सका था।
इसी साल वह नवम्बर-दिसम्बर में ट्रेनिंग के लिए सेंट लुइस (अमेरिका) चली गईं। टोक्यो से पहले तकरीबन 50 दिन उन्होंने वहां खूब मेहनत की। टोक्यो में उनके वजन वर्ग में कुल 14 प्रतियोगी हैं और इनके मौजूदा प्रदर्शन की बात करें तो वह इस समय सभी प्रतियोगियों में तीसरे नम्बर पर आती हैं। टोक्यो में गोल्ड मेडल का सबसे मज़बूत दावा चीन की होऊ झीहुई का है जो 2018 की वर्ल्ड चैम्पियन होने के अलावा 2019 की रनर्स अप हैं। ताशकंत में पिछले साल एशियाई चैम्पियनशिप में इस खिलाड़ी ने स्नैच में 96 और क्लीन एंड जर्क में 117 किलो वजन उठाकर मीराबाई को पीछे छोड़ा था। ज़ाहिर है कि स्नैच में वह मीराबाई से तकरीबन दस किलो वजन अधिक उठा रही हैं लेकिन क्लीन एंड जर्क में वह मीराबाई से दो किलो पीछे हैं। इसके अलावा अमेरिका की जोर्डन डेलाक्रूज़ भी स्नैच में बेहतर प्रदर्शन की बदौलत मीराबाई से
कुल दो किलो वजन अधिक उठा रही हैं। स्नैच में अंतर पांच किलो का है जबकि क्लीन एंड जर्क में वह मीराबाई से तीन किलो पीछे हैं। ऐसे में उनसे कांटे की लड़ाई है। मीराबाई की तीसरी बड़ी प्रतियोगी मेजबान जापान की हिरोमी मियाके हैं जिनके पिता योशियुकी मियाके ने 1968 के मैक्सिको ओलिम्पिक में ब्रॉन्ज़ मेडल हासिल किया था। हिरोमी ने रियो ओलिम्पिक में कुल 188 किलो वजन उठाने के साथ ब्रॉन्ज़ मेडल हासिल किया था। लेकिन तब से वह विश्व
स्तर की किसी प्रतियोगिता में दिखाई नहीं दी हैं। स्नैच इवेंट में कुछ सुधार करके और क्लीन एंड जर्क में अपने वर्ल्ड रिकॉर्ड के बराबर प्रदर्शन करने से ही वह इस बार कम से कम सिल्वर मेडल की प्रबल दावेदार हैं।
(लेखक बतौर टीवी कमेंटेटर 4 ओलिम्पिक कवर कर चुके हैं)