Delhi Yamuna Pollution : यमुना में सीधे तौर पर जा रही लाखों मिलियन गैलन गंदगी

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Delhi Yamuna Pollution : यमुना में सीधे तौर पर जा रही लाखों मिलियन गैलन गंदगी
Delhi Yamuna Pollution : यमुना में सीधे तौर पर जा रही लाखों मिलियन गैलन गंदगी

सीपीसीबी ने एनजीटी जो सौंपी रिपोर्ट तो हुआ खुलासा

Delhi Yamuna Pollution (आज समाज), नई दिल्ली : पिछले कुछ वर्षों से दिल्ली में यमुना नदी में प्रदूषण की मात्रा काफी तेजी से बढ़ रही है। इसका बुरा असर न केवल लोगों की सेहत पर पड़ रहा है बल्कि हजारों जलीय जीवों का अस्तित्व भी खतरे में आ गया है। राजनीति दल समय-समय पर यमुना में प्रदूषण के मुद्दे को उठाते रहते हैं। हर चुनाव में यह बड़ा मुद्दा बनता है लेकिन चुनाव बीत जाने के बाद इसे फिर से नजरअंदाज कर दिया जाता है। दूसरी तरफ राष्टÑीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) लगातार इसपर नजर बनाए हुए है। इसी के चलते दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम को कई बार जुर्माने सहित अन्य कार्रवाई भी कर चुका है। यमुना में प्रदूषण को लेकर ताजा आंकड़े चौकाने वाले हैं।

हर रोज 187.82 मिलियन गैलन सीवरेज सीधा यमुना में जा रहा

दिल्ली से निकलने वाले सीवेज की तुलना में यहां इसे शोधित करने की क्षमता कम है। बगैर साफ किए सीवेज सीधे यमुना में मिल रहा है। इसकी मात्रा करीब 187.82 मिलियन गैलन प्रति दिन (एमजीडी) है। इसका खुलासा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट में हुआ है। बोर्ड ने यह रिपोर्ट राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को सौंपी है।

आवश्कता से बहुत कम हैं वाटर ट्रीटमेंट प्लांट

सीपीसीबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में अनुमानित सीवेज उत्पादन 792 एमजीडी है, जबकि यहां लगे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की क्षमता केवल 712 एमजीडी है। इसमें से अभी 604.18 एमजीडी का ही शोधन हो रहा है। दूसरी तरफ रिपोर्ट बताती है कि दिसंबर 2024 खत्म होने तक एसटीपी की स्थापित क्षमता 814 एमजीडी होने का अनुमान है। रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा समय में चल रहे एसटीपी अपनी पूरी क्षमता पर काम भी नहीं कर रहे हैं। 375.4 एमजीडी क्षमता वाले 18 एसटीपी ही जैव रासायनिक आॅक्सीजन मांग (बीओडी) और कुल निलंबित ठोस (टीएसएस) के डिजाइन किए गए मापदंडों पर काम कर रहे हैं।

यमुना में हर तरफ दिखाई दे रही जहरीली जाग

हालात यह हैं कि जहां तक नजर जाती है यमुना में पानी की जगह पर जहरीली जाग ही नजर आती है। नवंबर में छठ पूजा के दौरान भी राजनीति पार्टियों ने इस मुद्दे को बहुत ज्यादा उठाया था लेकिन उसके बाद सभी इस बारे चुप हैं। जिसके चलते उद्योगों का जहरीला पानी व शहर की गंदगी सीधे यमुना में जा रही है और यह प्रदूषित हो रही है।

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