Aaj Samaj (आज समाज), Midhili Cyclone, नई दिल्ली: बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र शुक्रवार को चक्रवाती तूफान में बदल गया। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने बुलेटिन जारी कर बताया कि चक्रवाती तूफान ‘मिधिली’ के उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ने की संभावना है और यह आज रात या शनिवार की सुबह पश्चिम बंगाल के सुंदरवन के पास से गुजरते हुए बांग्लादेश के खेपुपारा और मोंगला से टकरा सकता है। इस दौरान इसकी रफ्तार 60 से 80 किमी प्रति घंटा रहेगी।
आठ राज्यों में असर देखने को मिलेगा
आईएमडी अधिकारियों के अनुसार भारत के आठ राज्यों, पश्चिम बंगाल, मणिपुर, ओडिशा, मिजोरम, नागालैंड, मेघालय, असम और त्रिपुरा में ‘मिधिली’ का असर देखने को मिलेगा। अधिकारियों ने इन राज्यों में 40 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज हवा चलने के साथ भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
मालदीव ने दिया है ‘मिधिली’ नाम
आईएमडी ने बुलेटिन में बताया कि शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे गहरे दबाव का क्षेत्र पारादीप (ओडिशा) से लगभग 190 किमी पूर्व, दीघा (पश्चिम बंगाल) से 200 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व और खेपुपाड़ा (बांग्लादेश) से 220 किमी दक्षिण पश्चिम में केंद्रित था। आईएमडी के अनुसार इस तूफान को ‘मिधिली’ नाम मालदीव द्वारा दिया गया है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के चक्रवातों से प्रभावित देश बारी-बारी से एक क्रम में चक्रवातों के नाम देते हैं।
बंगाल के तटीय इलाकों में होगा सबसे ज्यादा असर
आईएमडी अधिकारियों ने कहा है कि पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्र में मिधिली का सबसे ज्यादा असर होगा। इनमें पूर्वी मेदनीपुर, कोलकाता, हावड़ा, नादिया, पूर्वी बर्दमान, उत्तर और दक्षिण 24 परगना शामिल हैं, जहां 20 से 110 मिलीमीटर बारिश हो सकती है। बता दें कि इस मौसम के दौरान दूसरी बार गहरे दबाव का क्षेत्र बना है। पिछला चक्रवात हामून भी बांग्लादेश तट की ओर बढ़ गया था।
बंगाल : तूफान से निपटने के लिए सभी उपाय करने के निर्देश
पश्चिम बंगाल के राज्य सचिवालय नबन्ना की ओर से कहा गया है कि राज्य के तीन तटीय क्षेत्रों में साइक्लोन के बारे में पहले से चेतावनी दी जा चुकी है। साथ ही मिधिली से निपटने के लिए सभी उपाय करने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं। इसके साथ ही मछुआरों को 16 से 18 नवंबर के बीच मछली पकड़ने और समुद्र में जाने से मना किया गया है।
ओडिशा में भी व्यवस्था अलर्ट मोड पर
ओडिशा पर मिधिली का कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि यह राज्य के तट से 150 किमी ऊपर से गुजरेगा। फिर ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) ने चक्रवात के मद्देनजर सभी जिला अधिकारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि वे किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहते, इसलिए व्यवस्था को अलर्ट पर रखा गया है।
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