Aaj Samaj (आज समाज), Mid day meal workers, मनोज वर्मा, कैथल : मिड डे मील वर्करो की ब्लॉक की बैठक भगत सिंह भवन में कमला व जसविंदर कौर की संयुक्त अध्यक्षता में हुई। बैठक को सम्बोधित करते हुए यूनियन के राज्य सचिव व जिला प्रभारी कामरेड सत्यवान ने कहा कि वर्षो से मिड डे मील वर्करो के साथ अन्याय हो रहा है। उन्हें न्यूनतम वेतन की बजाये केवल सात हजार रूपये मासिक पगार मिलती है। वह भी केवल दस महीनो की जबकि उनका काम बहुत महत्वपूर्ण है व जिम्मेदारी का भी। वे सैंकड़ो बच्चों का न केवल खाना बनाती है बल्कि उसे परोसती भी है व बर्तन भी साफ करती हैं। अगले दिन के लिए राशन की साफ सफाई भी करती है। बहुत स्कूलों मेें सेवादार न होने के कारण उन्हें उन वाला काम भी करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि महंगाई लगातार बढ़ रही है। वे इस मामूली सी पगार में कैसे गुजारा करें, ये उनके लिए गंभीर समस्या है। इतनी मुश्किल होने के बाबजूद ये मेहनताना भी उन्हें कई कई महीनों तक नहीं मिल पाता। उसके लिए भी उन्हें राजनेताओं व प्रशासनिक अधिकारियों के दरवाजे खटखटाने पड़ते है। जो उनके साथ भारी अन्याय है व सरकार के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के कथन पर प्रश्न चिन्ह है। केंद्रीय ट्रेड यूनियन सीटू के नेता नरेश रोहेड़ा व जयप्रकाश ने इस मौके पर कहा कि आज़ स्किम वर्करो व मजदूरों की हालात बहुत दयनीय है। वे वर्षो से काम कर रहे है ।
लेकिन उन्हें सरकार द्वारा तय वेतन भी नही मिल रहा है। साथ ही उन्हें इलाज व महंगाई के चलते कोई भत्ते आदि मिल रहे है। ज्यादातर मजदूरों को सेवा निवृति के बाद खाली हाथ घर जाना पड़ता है। उनके लिए बने लेबर कानूनों को भी बदला जा रहा है। जिससे उन्हें कुछ राहत मिल जाती थी। मनेरगा आदि स्कीमों में तो काम मांगने के बावजूद भी काम नहीं मिलता और यदि थोड़ा बहुत काम मिल भी जाता है तो उसकी दिहाड़ी समय पर नहीं मिल पाती। वे नारकीय जीवन जीने को मजबूर है। इस अवसर पर मुकेश, किरण, सुनीता, सुदेश, कविता, निर्मला, संतरो, फूलपति, रीना, सीमा आदि ने बात रखी व कहा कि वे 11 जनवरी को बड़ी संख्या में करनाल में रैली व प्रदर्शन में भाग लेंगी।
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