फिलहाल छात्रों के घरों पर ही दिया जा रहा है राशन
आज समाज डिजिटल,जींद:
पहली से आठवीं कक्षाओं के छात्रों के लिए खुशखबरी है। आगामी एक जुलाई से सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा में पढऩे वाले विद्यार्थियों को मिड-डे मील मिलना शुरू होगा। इसके लिए निदेशालय ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी किया है। पहले मिड-डे मील की राशि की राशि को लेकर शिक्षा विभाग ने दुकानदारों के खातों में डालने के निर्देश दिए थे जिसका शिक्षकों ने विरोध किया था। शिक्षकों के विरोध के चलते शिक्षा विभाग ने फैसले को वापस लेते हुए स्कूलों के खातों में राशि डालने के निर्देश दिए। जून महीने में ग्रीष्मकालीन छुट्टियों के चलते विद्यार्थियों को मिड-डे मील नहीं दिया गया है। अब छुट्टियों के बाद जैसे विद्यार्थी स्कूल में पहुंचेंगे तो विद्यार्थियों को दोपहर का भोजन मिलना शुरू होगा।
कोरोना संक्रमण के चलते छात्रों को घर पर ही दिया जा रहा था राशन
जिले में पहली से आठवीं कक्षा के लगभग 350 स्कूलों में 70 हजार से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण के चलते गत दो वर्ष विद्यार्थियों को घर-घर जाकर राशन बांटा जा रहा था। अब इस नए सत्र में स्थिति सामान्य होने के बाद विद्यार्थियों के लिए मिड डे मील शुरू करने की योजना बनाई थी लेकिन साथ में ही शिक्षा विभाग ने यह निर्देश दिए थे कि मिड-डे मील की राशि उन दुकानदारों के खातों में भेजी जाएगी। जिनसे किरयाना व अन्य सामान खरीदा जा रहा है। इस पर शिक्षकों ने ऐतराज जताया था कि कई दुकानदारों से राशन लिया जाता है जिसके चलते दुकानदारों के अकाउंट नंबर लेना मुश्किल कार्य है। इस कारण इस साल नए सत्र की शुरूआत में दो महीने तक दोपहर के समय विद्यार्थियों को मिड-डे मील नहीं परोसा गया। शिक्षकों के ऐतराज के चलते निदेशालय ने दुकानदारों के खाते में राशि डालने के निर्देश वापस ले लिए और अब सरकारी स्कूलों के खाते में राशि जारी की जाएगी। इसके बाद अब एक जुलाई से सरकारी स्कूलों में मिड डे मील शुरू करने के निर्देश निदेशालय ने जारी किए हैं।
एक जुलाई से मिलेगा मिड-डे मील
खंड शिक्षा अधिकारी सुशील कुमार जैन ने बताया कि एक जुलाई से सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को मिड-डे मील मिलना शुरू हो जाएगा। इसके लिए निदेशालय ने पत्र जारी कर दिया है। दोपहर के समय विद्यार्थियों को पौष्टिक आहार दिया जाएगा। बजट अब स्कूल खातों में भेजा जाएगा जबकि पहले दुकानदारों के खाते में बजट भेजने के निर्देश दिए गए थे। शिक्षकों के ऐतराज पर निदेशालय ने दोबारा से स्कूल के खाते में बजट भेजने के निर्देश दिए हैं।
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