Aaj Samaj (आज समाज), Agriculture Business Summit,प्रवीण वालिया, करनाल: एमएचयू के माननीय कुलपति डॉ. सुरेश कुमार मल्होत्रा के नेतृत्व में बागवानी क्षेत्रों में किए जा रहे उत्कृष्ट कार्यों को देखते हुए कृषि व्यापार शिखर सम्मेलन एवं पुरस्कार नामक संस्था द्वारा होटल पार्क हयात, हैदराबाद भारत में आयोजित कार्यक्रम में देशभर के उद्यान विभागों में से एमएचयू को उत्कृष्ट उद्यान विश्वविद्यालय का पुरस्कार से नवाजा गया । जो हरियाणा के लिए बड़े गर्व की बात है।
कुलपति डॉ सुरेश मल्होत्रा ने एमएचयू को उत्कृष्ट विश्वविद्यालय का पुरस्कार मिलने पर अपार खुशी जताते हुए बताया कि एमएचयू बागवानी के क्षेत्र फल, सब्जियों, फूलों एवम औषधीय पौधों पर महत्वपूर्ण कार्य कर रहा हैं। एमएचयू राज्य की आवश्यकताएं पूरी करने के लिए गंभीरता से लगा हुआ हैं। विश्वविद्यालय ने गत वर्षों में कई नई तकनीकों को बनाने के लिए अनुसंधान कार्य किए है। जिनके अब सुखद परिणाम आने शुरू हो चुके है। माननीय कुलपति डॉ. मल्होत्रा ने बताया कि सबसे बड़ी उपलब्धि गत दिनों जैविक सूक्ष्म जीवों में अनुसंधान में मिली। एमएचयू ने कई अच्छे सूक्ष्म जीव सम्बधित जैव आदानों की पहचान की हैं।
जिनका सफलतापूर्वक बागवानी के क्षेत्र में प्रयोग करके फसलों को सुरक्षित एवं गुणवत्ता का उत्पादन लिया जा सकेगा, जैसे की इसके उपयोग से खेतों में 20 से 25 प्रतिशत कम रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार नए बॉयो स्टूमिलेंस का भी अनुसंधान किया, जिसमें फसलों में जलवायु परिवर्तन के कारण आने वाली कठिनाईयों जैसे कालर जमीन में कम पानी की अवस्था में सुखारोधी सहनशीलता के गुण आ जाते है। इन उपलब्धियों के कारण कृषि व्यापार शिखर सम्मेलन एवं पुरस्कार नामक संस्था ने एमएचयू को उत्कृष्ट उद्यान विश्वविद्यालय का अवार्ड देकर सम्मानत किया है।
किसान होंगे खुशहाल-
माननीय कुलपति ने कहा कि एमएचयू की पूरी टीम किसानों तक बागवानी के क्षेत्र में प्रयोग होने वाली उन्नत तकनीकों को पहुंचाने के लिए लगातार काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि एमएचयू का मुख्य उदेश्य है कि पैदावार बढ़े जो गुणवत्ता युक्त हो। जिससे कम खर्च में आमदनी बढ़े, किसान आर्थिक तौर पर खुशहाल हो। देशवासियों, प्रदेशवासियों को क्वालिटीयुक्त फल, सब्जियां उपलब्ध हो।
किसानों में बागवानी खेती ओर बढ़ रहा रूझान-
उन्होंने कहा कि किसानों में बागवानी खेती की ओर रूझान बढ़ रहा हैं, जैसे-जैसे इसमें तेजी आएगी। उसी प्रकार प्राकृतिक संसाधनों सहित भूमि की सेहत भी सुधरती जाएगी। जो आने वाली पीढ़ियों के लिए किसी बड़े उपहार से कम नहीं होगा। उन्होंने किसान भाईयों से आग्रह किया कि बागवानी सम्बधित समस्याओं के लिए वे एमएचयू के वैज्ञानिकों से संपर्क करे, समस्या का निवारण पाने में सहयोग प्राप्त करें। यूनिवर्सिटी की स्थापना किसानों की भलाई के लिए हुई हैं।
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