नई दिल्ली। प्रत्येक वर्ष पन्द्रह अगस्त को भारत अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है। उसके ठीक एक दिन पहले राष्ट्रपति देश के नाम संदेश देते हैं। बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 73 वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आज राष्ट्र को संबोधित किया। राष्ट्रपति का शाम लगभग सात बजे राष्ट्र के नाम संबोधन शुरू किया और इसे आकाशवाणी तथा दूरदर्शन के सभी केंद्रों से प्रसारित किया गया। सबसे पहले राष्ट्रपति कोविंद ने अपना संबोधन हिन्दी भाषा किया। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का भी जिक्र किया। इसके अलावा राष्ट्रपति ने हाल ही में संपन्न हुए संसद सत्रों को लेकर कहा कि दोनों ही सदन सफल रहे और उनमें कई अहम फैसले लिए गए। राष्ट्रपति ने अपने भाषण की शुरूआत देशवासियों को शुभकामनाएं देने के साथ की। राष्ट्रपति ने कहा- तिहत्तरवें स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर आप सभी को मेरी हार्दिक बधाई! यह स्वाधीनता दिवस भारत-माता की सभी संतानों के लिए बेहद खुशी का दिन है, चाहे वे देश में हों या विदेश में। राष्ट्रपति ने स्वतन्त्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों को याद किया- हम अपने उन असंख्य स्वतन्त्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों को कृतज्ञता के साथ याद करते हैं, जिन्होंने हमें आजादी दिलाने के लिए संघर्ष, त्याग और बलिदान के महान आदर्श प्रस्तुत किए। राष्ट्रपति कोविन्द ने कहा- 2 अक्टूबर को हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाएंगे।
गांधीजी, हमारे स्वतंत्रता संग्राम के महानायक थे। वे समाज को हर प्रकार के अन्याय से मुक्त कराने के प्रयासों में हमारे मार्गदर्शक भी थे। 2019 का यह साल, गुरु नानक देवजी का 550वां जयंती वर्ष भी है। वे भारत के सबसे महान संतों में से एक हैं। गुरु नानक देवजी के सभी अनुयायियों को मैं इस पावन जयंती वर्ष के लिए अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। मुझे विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए हाल ही में किए गए बदलावों से वहां के निवासी बहुत अधिक लाभान्वित होंगे। इसी वर्ष गर्मियों में, आप सभी देशवासियों ने 17वें आम चुनाव में भाग लेकर विश्व की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सम्पन्न किया है। इस उपलब्धि के लिए, सभी मतदाता बधाई के पात्र हैं। राष्ट्रपति कोविन्द बोले- मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि संसद के हाल ही में संपन्न हुए सत्र में लोकसभा और राज्यसभा, दोनों ही सदनों की बैठकें बहुत सफल रही हैं। हमारी संस्थाओं और नीति निमार्ताओं को चाहिए कि नागरिकों से जो संकेत उन्हें मिलते हैं, उन पर पूरा ध्यान दें और देशवासियों के विचारों तथा इच्छाओं का सम्मान करें समाज और राष्ट्र के विकास के लिए बनाए गए इंफ्रास्ट्रक्चर का सदुपयोग करना और उसकी रक्षा करना, हम सभी का कर्तव्य है। यह इंफ्रास्ट्रक्चर हर भारतवासी का है, हम सब का है क्योंकि यह राष्ट्रीय संपत्ति है।