मर्यादा से जीने का संदेश देता भगवान राम का जीवन Message of Dignity

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Message of Dignity
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  • राम नवमी पर विशेष कार्यक्रम आयोजित
  • नशा मुक्त हरियाणा का दिलाया संकल्प

नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
Message of Dignity : हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार आज ही के दिन मर्यादा पुरूषोतम भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। इसलिए राम नवमी के त्योहार का हमारे जीवन में विशेष महत्त्व है। भगवान विष्णु के अवतार ने राम के रूप में मानव अवतार में जन्म लिया। भगवान राम का जीवन हमें यह संदेश देता है कि कैसे मानव मयार्दा में रहकर सभी कार्यों को पूर्ण कर सकता है।

दिलाया नशे से दूर रहने का संकल्प

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ये विचार केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री कौशल किशोर ने हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में राम नवमी के अवसर पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में व्यक्त किए। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में अटेली के विधायक सीताराम यादव, महेंद्रगढ़ बीजेपी के जिलाध्यक्ष एडवोकेट राकेश शर्मा, एसडीएम दिनेश कुमार तथा जिला सेवा महावीर कौशिक भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कौशल किशोर ने सभी को राम नवमी की शुभकामनाएं देते हुए आज मयार्दा पुरूषोत्तम भगवान राम के जन्मदिन पर हमें नशे से दूर रहने का संकल्प लेना चाहिए।

नशा मुक्त समाज अभियान नहीं आंदोलन

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उन्होंने कहा कि नशा मुक्त समाज अभियान कौशल का एक अभियान नहीं, बल्कि एक आंदोलन है और नशे के खिलाफ इस आंदोलन में हम सभी को सक्रिय रूप से भागीदारी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्व की 22 प्रतिशत युवा शक्ति भारत में रहती है।

यदि हम भारत को सुदृढ़ और आत्मनिर्भर भारत बनाना चाहते हैं तो हमें नशा मुक्त समाज का संकल्प लेते हुए नशा मुक्त समाज अभियान कौशल को में अपना योगदान देना होगा। इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों और शोधार्थियों को नशे से दूर रहने और इसके लिए दूसरों को भी जागरूक करने का संकल्प दिलाया।

अब तक 18 लाख लोग ले चुके संकल्प

उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत अब तक 18 लाख लोग नशा मुक्ति का संकल्प कर चुके हैं। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति व कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. टंकेश्वर कुमार ने रामायण की कहानी विज्ञान की जुबानी विषय पर अपना प्रस्तुतीकरण देते हुए कहा कि रामायण का अर्थ है राम का अयण अर्थात भ्रमण। उन्होंने कहा कि हमारी सनातन संस्कृति विश्व समुदाय का मार्गदर्शन करती रही है। हमारे यहां रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्य की रचना हुई, जो आज भी जन-जन में लोकप्रिय है।

महर्षि वाल्मीकि कवि के साथ खगोलशास्त्री भी

आदिकवि महर्षि वाल्मीकि ने रामायण की रचना की। इसमें मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के चरित्र का विस्तारित विवरण काव्य रूप में किया। महर्षि वाल्मीकि केवल एक कवि ही नहीं अपितु एक खगोलशासत्री भी थे। खगोलशास्त्र पर उनकी पकड़ रामायण से सिद्ध होती है।

प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि आधुनिक सॉफ्टवेयर के माध्यम से भी यह सिद्ध हो गया है कि रामायण में उद्धृत खगोलीय जानकारी सही व सटीक है। इससे स्पष्ट होता है कि राम कोई मिथक नहीं है और रामायण कोई कल्पना नहीं है। रामायण के समय प्रयोग किए जाने वाले पुष्पक विमान, अस्त्र-शस्त्र, यंत्र, भवन निर्माण आदि इस बात का प्रमाण है कि उस समय हमारा विज्ञान कितना उन्नत एवं सदृढ़ था।

श्रीराम स्तुति और सांस्कृतिक प्रस्तुति दी

विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मूलचंद शर्मा सभागार में आयोजित कार्यक्रम की शुरूआत विश्वविद्यालय के कुलगीत के साथ हुई। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों की ओर से श्रीराम स्तुति व अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दीं। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि का परिचय नशा मुक्त समाज संकल्प के राष्ट्र संयोजक व विश्वविद्यालय के विद्यार्थी अक्षतकांत ने दिया।

कार्यक्रम में मंच का संचालन विश्वविद्यालय की विद्यार्थी प्रिया भारद्वाज ने तथा धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. आनंद शर्मा ने ज्ञापित किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में प्रो. सुनील कुमार, डॉ. एपी शर्मा, डॉ. प्रदीप नरवाल, डॉ. रणबीर सिंह, डॉ. मनीष कुमार, राधेश्याम सिंह सहित अक्षतकांत ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की विभिन्न पीठों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी, विद्यार्थी, शोधार्थी आदि उपस्थित रहे।

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