Meri Fasal-Mera Byora Portal : फसलों को कीटों के नुकसान से बचाने के लिए ट्रैप का प्रयोग करें किसान : डा. प्रेम कुमार

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मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी
मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी
  • फीरोमैन ट्रैप, लाईट ट्रैप व स्टीकी ट्रैप पर विभाग दे रहा है 75 प्रतिशत तक अनुदान
  • बागवानी विभाग की साईट एचओआरटी डॉट जीओवी डॉट इन पर आवेदन करें किसान
  • मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी

Aaj Samaj (आज समाज), Meri Fasal-Mera Byora Portal, नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
बागवानी फसलों को बारिश के मौसम में हानिकारक कीट पतंगे ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में बागवानी फसलों को कीटों के नुकसान से बचाने के लिए किसान फीरोमैन ट्रैप, लाईट ट्रैप व स्टीकी ट्रैप का उपयोग कर सकते हैं। इन पर बागवानी विभाग 75 प्रतिशत तक का अनुदान दे रहा है।

यह बात जिला उद्यान अधिकारी डॉ. प्रेम कुमार ने आज गांव सिलारपुर, बलाह कला, बलाह कला खुर्द, दौचाना व गोद में किसानों को बागवानी के बारे में जागरूक करने के लिए आयोजित कैंप में किसानों को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने बताया कि अलग-अलग फसलों के लिए अलग-अलग फीरोमैन ट्रैप का उपयोग किया जाता है। एक किसान के लिए अनुदान की अधिकतम सीमा 10 एकड़ है। ट्रैप का उपयोग करने से हानिकारक कीट पतंगों से फसल का बचाव हो जाता है व कीटनाशकों पर किसान का खर्चा नहीं होता जिससे फसल की गुणवत्ता अच्छी होती है। किसान आवेदन के माध्यम से स्वीकृति लेने के बाद किसी भी इम्पैनलड फर्म द्वारा ट्रैप खरीद कर बिल विभाग में जमा करवा सकता है।

अनुदान के लिए किसान सर्वप्रथम मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण कर के बागवानी विभाग की साईट एचओआरटी डॉट जीओवी डॉट इन पर आवेदन करें। यह पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर आधारित है। फसलों को बचाने के लिए हानिकारक कीट को पहचान कर ही फीरोमैन ट्रैप/लाईट ट्रैप/स्टीकी ट्रैप का चुनाव करें। अमरूद, नींबूवर्गीय, बेर में फल मक्खी के लिए एफआरयूएलयूआरई नामक कैप्सुल का उपयोग करें। कद्दूवर्गीय फसलों में कूकुरलर एंव बैंगन में फल एंव तना भेदक के लिए ल्यूसीनोड्स ऑर्बोनालिस नामक कैप्सुल का उपयोग करें। सफेद मक्खी के लिए यलो स्टीकी ट्रैप का प्रयोग करें।

उन्होंने बताया कि इसके साथ-साथ थैच्ड हट बना कर किसान मशरूम की खेती करके भी अपनी आमदनी बढा सकता है। इसके लिए थैच्ड हट बनाने पर कुल खर्चा 30 हजार रुपए आता है व अनुसूचित जाति के किसानों के लिए 85 प्रतिशत व सामान्य किसानों के लिए 75 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है। थैच्ड हट में एक किसान 100 मशरूम ट्रे रख सकता है जिस पर 30 हजार रुपए का खर्चा आता है व सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के किसानों के लिए 85 प्रतिशत व सामान्य किसानों के लिए 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है। सामान्य किसानों को ढीगंरी मशरूम की खेती करने पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।

उन्होंने बताया कि बागवानी से संबंधित अन्य किसी जानकारी के लिए किसान संबंधित उद्यान विकास अधिकारी कार्यलय में सम्पर्क कर जानकारी ले सकते हैं।

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