Menopause Weight Gain: महिलाओं को उम्र के हर पड़ाव पर कई शारीरिक परिवर्तनों का सामना करना पड़ता है। उन्हीं चेंजिज़ में से एक है मेनोपॉज। महावारी के अंतिम चरण पर पहुंचकर महिलाओं के शरीर में कई प्रकार के बदलाव आने लगते है। आमतौर पर महिलाओं को मूड स्विंग (mood swing), पसीना आना (sweating), ब्रेन फॉग (brain fog) और नींद न आने की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा पेट पर जमा होने वाली चर्बी महिलाओं के लिए चिंता का कारण बनने लगती है। इस दौरान शरीर में एस्ट्रोजन (estrogen) और प्रोजेस्ट्रान (progesterone) में आने वाले उतार चढ़ाव मोटापे की समस्या को प्रभावति करते हैं।
मेनोपॉज के दौरान शरीर में हार्मोनल बदलाव नज़र आने लगते हैं। शरीर में एस्ट्रोजन की कमी के चलते पेट और हिप्स पर फैट डिपॉजिट बढ़ने लगता है। साथ ही मांसपेशियों में कमज़ोरी बढ़ने लगती है, जिससे कमर में ऐंठन और घुटनों में दर्द का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा मेनोपॉज (menopause) के दौरान एपिटाइट में कमी और क्रेविग्स का बढ़ना भी वेटगेन का कारण बनने लगता है।
जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन के अनुसार मेनोपॉज के दौरान लो कार्ब डाइट (low carb diet) से वेटलॉस में मदद मिलती है। इसके अलावा आहार में हेल्दी फैट्स, लीन प्रोटीन, मौसमी फलों और सब्जियों को अवश्य शामिल करना चाहिए। इससे कैलोरी की मात्रा सीमित हो जाती है। इसके अलावा शुगर इनटेक और प्रोसेस्ड फूड (processed food) से दूरी बनाकर रखें।
सोने और उठने का समय तय करने से स्लीप क्वालिटी को बढ़ाया जा सकता है। इससे तनाव को नियंत्रित करके शरीर में हार्मोनल बैलेंस को मेंटेन करने में मदद मिलती है, जिससे मेनोपॉज के दौरान वेटगेन की समस्या अपने आप हल होने लगती है। स्लीप पैटर्न फॉलो करने से मेनोपॉज में स्किन को हेल्दी रखने में भी मदद मिलती है।
रज़िस्टेंस ट्रेनिंग और एरोबिकस एक्सरसाइज़ की मदद से मेनोपॉज के दौरान पेट पर जमा चर्बी को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा मूड को बूस्ट करने और मांसपेशियों की मज़बूती को बढ़ाने के लिए भी बेहद कारगर है। व्यायाम के अलावा कुछ वक्त ब्रिस्क वॉकिंग, स्वीमिंग और जॉगिंग के लिए भी निकालें।
शरीर को हाइड्रेट रखें और भरपूर मात्रा में पानी पीएं। इससे शरीर में ऑक्सीजन का नियमित प्रवाह बना रहता है, जिससे रक्त संचार नियमित रहता है। भरपूर मात्रा में पानी पीने से विषैले पदार्थों को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है। इससे शरीर में जमा अतिरिक्त कैलोरीज की समस्या भी हल हो जाती है।
दिनभर में 3 से 4 बड़ी मील्स लेने की जगह उन्हें स्मॉल मील्स में डिवाइड कर लें। इससे डाइजेशन में मदद मिलती है और मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। आहार में पोषक तत्वों को सम्मिलित करें। इससे शरीर में बढ़ने वाली अतिरिक्त कैलोरीज़ की मात्रा को बर्न करने में मदद मिलती है।
(POCO M7 Pro) क्या आप किफायती कीमत में स्मार्टफोन खरीदना चाह रहे हैं? अगर हां,…
(iQOO Z9 Lite 5G) टेक मार्केट में कई ऐसे स्मार्टफोन मौजूद हैं, जिन्हें आप बजट…
(Honor 200 Pro 5G) अगर आप रील्स वीडियो बनाने के शौकीन हैं, तो ये आर्टिकल…
(Samsung Galaxy S24 Ultra) साउथ कोरियन टेक कंपनी सैमसंग 22 जनवरी को गैलेक्सी अनपैक्ड इवेंट…
(Bhiwani News) लोहारू। स्थानीय शहीद महावीर किसान भवन में भारतीय किसान यूनियन की बैठक का…
(OnePlus 13) अगर आप OnePlus यूजर हैं और नया स्मार्टफोन खरीदना चाहते हैं तो यह…