संजीव कौशिक, रोहतक:
Memorial Award Ceremony Organized : अखिल भारतीय साहित्य परिषद रोहतक की ओर से प्रो. रामसजन पांडेय स्मृति पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया। इसमें साहित्य की दिव्य विभूति डॉ. शिवकुमार खंडेलवाल और डॉ. राधेश्याम शुक्ल को प्रो० पांडेय की धर्मपत्नी डॉ अंजू शर्मा ने सम्मानित किया गया। कार्यक्रम अध्यक्ष अखिल भारतीय साहित्य परिषद हरियाणा प्रांत के अध्यक्ष डॉ. सारस्वत मोहन मनीषी जी रहे।
महान व्यक्तित्व के धनी थे रामसजन Memorial Award Ceremony Organized
रोहतक ईकाई अध्यक्ष डॉ. आशुतोष कौशिक ने बताया प्रो. रामसजन पांडेय एक महान व्यक्तित्व के धनी थे। प्रो रामसजन पांडेय स्नेह की मूर्ति थे। माता पिता से भी ज्यादा प्यार उन्होंने मुझे प्रदान किया। अपने सभी सदस्यों का ध्यान रखते थे। उनकी स्मृति में प्रति वर्ष एक सम्मान प्रदान किया जाएगा। आज के कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ मनोज भारत ने किया। पंडित सुरेंद्र शर्मा जी ने शांति पाठ किया। मोनिका शर्मा ने सरस्वती वंदना-मेरे कंठ शारदे बैठो माँ प्रस्तुत की।
शिष्यों को गुरु से आगे ले जाते थे Memorial Award Ceremony Organized
वीरेंद्र मधुर राष्ट्रीय गीतकार ने कहा वो ऐसी दिव्य विभूति थे, वो हमेशा मनोबल बढ़ाते थे। गुरु नानक देव विश्वविद्यालय हिन्दी विभाग अध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार ने कहा गुरु जी अक्सर कहते थे, शिष्य को गुरु से आगे बढ़ना चाहिए। वो कहते थे शिष्य को गुरु से, रोगी को वैद्य से, और सचिव को अपने अधिकारी से कुछ नही छुपाना चाहिए। प्रो पांडेय जी ऊर्जा के भंडार थे।
डॉ. बुद्धदेव आर्य ने कहा कि प्रो.पांडेय हमेशा प्रेरित करते थे, मुझे अध्यापक से प्राचार्य पद तक पहुँचने में डॉ साहब ने निरन्तर प्ररित किया। मेरी सभी दुविधाओं को दूर किया मेरी आंतरिक शक्ति को जागृत किया। डॉ. आनन्द शर्मा ने अपने गुरुवर को नमन करते हुए कहा कि डॉ रामसजन पांडेय ने हमेशा सबका साथ सबका विकास और मेरा प्रयास इस विचारधारा को लेकर जीवन व्यतीत किया है। प्रो. विश्वबन्धु शर्मा ने कहा कि असफलताओं से सफलताओं का सफर अपने दम पर तय किया है।
ये महानुभाव रहे मौके पर मौजूद Memorial Award Ceremony Organized
इस अवसर पर डॉ जगदीश आचार्य, सतीश शर्मा एडवोकेट, विकास यशकीर्ति, हनुमान प्रसाद अग्निमुख, त्रिलोक कौशिक, सुनीता बहल, स्नेह बंसल, विजय लक्ष्मी, डॉ कुलदीप काकरान, विनोद आचार्य, डॉ. जागीर नागर, कपिल तंवर सहित अखिल भारतीया साहित्य परिषद हरियाणा के सभी इकाईयों के सदस्य उपस्थित थे।
Also Read: करनाल में शादी के पांच दिन बाद दुल्हन ने लगाया फंदा