नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़ :
नारनौल को प्रदेश का 23वां जिला बनाने को लेकर मंगलवार को सामाजिक संगठन के लोगों ने मुख्यमंत्री के नाम डीसी डॉ. जेके आभीर को ज्ञापन सौंपा।
सामाजिक कार्यकर्ता रामनिवास पाटोदा, धर्मपाल नंबरदार, पोहप सिंह, परमानंद, सुरेंद्र बंटी, लीलाराम, खुशीराम, कविता, रामानंद, रामसिंह, सतबीर, वेदपाल, हवासिंह, बलवीर, मुकेश, अजीत, अजय शर्मा, गुरुदयाल आदि ने बताया कि महेंद्रगढ़ शहर में जिला मुख्यालय स्थापित करवाने को लेकर यहां के लोग लंबा संघर्ष कर चुके है।
जनप्रतिनिधि की कमजोरी के कारण आज भी पिछड़े जिलों में गिना जाता है महेंद्रगढ़ – रामनिवास पाटोदा
लेकिन प्रदेश सरकार ने झूठा आश्वासन देकर संघर्ष को दबा दिया था। उस दौरान पूर्व शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा ने मुख्यमंत्री से बात कर महेंद्रगढ़ व नारनौल को अलग-अलग जिला बनाने की बात कहीं थी। लेकिन सरकार ने महेंद्रगढ़ में एक दिन डीसी को बैठाकर यहां की जनता को गुमराह करने का काम किया है। लोगों का कहना है कि चरखी दादरी जिले के पास दो विधानसभा क्षेत्र व कम गांवों की संख्या होने के बावजूद भी सरकार ने दादरी को जिला बना दिया। लेकिन नारनौल व महेंद्रगढ़ का क्षेत्रफल दादरी से बड़ा होने के बावजूद भी इन्हें अलग-अलग जिला नहीं बना रहें है। उन्होंने कहा कि यहां के जनप्रतिनिधी की कमजोरी होने के कारण महेंद्रगढ़ की पिछड़े जिले में गिनती होती है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश में महेंद्रगढ़ एक ऐसा जिला है की जहां के लोगों को अपने सरकारी कार्यों के लिए 65 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि अगर सरकार ने महेंद्रगढ़ व नारनौल को अलग-अलग जिला नहीं बनाया तो आने वाले लोकसभा व विधानसभा चुनाव में भाजपा-जजपा की गठबंधन सरकार को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
ये भी पढ़ें : महेंद्रगढ़ सब डिपो भवन व वर्कशॉप चालू करवाने को लेकर मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
ये भी पढ़ें :गांव दुलोठ अहीर में राशन डिपो पर मुख्यमंत्री उड़नदस्ते ने की छापेमारी
ये भी पढ़ें :हरियाणा विधानसभा के पुर्व डिप्टी स्पीकर चौधरी वेदपाल का निधन