पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सरकार गम्भीर नहीं : करौंथा Meeting Organized For Protection Of Environment

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Meeting Organized For Protection Of Environment
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संजीव कौशिक, रोहतक:
Meeting Organized For Protection Of Environment : वन कर्मचारी संघ हरियाणा रैज कमेटी की मीटिंग रैंज कार्यालय महम में हुई मिटिंग की अध्यक्षता रैंज प्रधान अनुज कुमार व संचालन सुमित कुमार ने किया। मिटिंग में रेंज में कार्यरत सभी वन कर्मचारियों ने भाग लिया। मिटिंग में वन कर्मचारी संघ हरियाणा प्रदेशाध्यक्षजोगेन्द्र करौंथा ने कहा कि प्रदेश में केवल 3.6 प्रतिशत ही वन श्रैत्र है वन श्रैत्र को बढाने के लिए पूर्ववर्ती सरकार ने 2006 में राज्य वन निति अधिसूचित की थी । वर्ष 2010 तक 10 प्रतिशत व 2020 तक 20 प्रतिशत वन श्रैत्र बढाने का लक्ष्य निर्धारित किया था । वर्ष 2020 तक भी लक्ष्य प्राप्त करना तो दूर पहले से मौजूद 7.3 प्रतिशत से घट कर 3.6 प्रतिशत रह गया है।

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सरकार ने नहीं दिया कोई ध्यान (Meeting Organized For Protection Of Environment)

सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष नई – नई वानिकी योजनाओं की घोषणा की जाती है। हर घर हरियाली, हर गाँव पेडो की छाँव योजनाओं की कोई समीक्षा नही की गई। वन कर्मचारी संघ हरियाणा ने वर्ष 2017 में आयोजित राज्य स्तरीय सम्मेलन में प्रदेश का वानिकी में भविष्य कृषि वानिकी में निहित है, परन्तु विभाग व सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया।

किसान को दस हजार रूपये प्रति वर्ष 3 वर्ष तक देने का किया प्रावधान (Meeting Organized For Protection Of Environment)

सरकार ने 2022 – 23 के लिए कृषि वानिकी योजना की घोषणा की है । योजना के तहत एक एकड में 440 पौधे लगाने वाले किसान को दस हजार रूपये प्रति वर्ष 3 वर्ष तक देने का प्रावधान किया है प्रथम वर्ष में 10 हजार रूपये से अधिक खर्च तो पौधें लगाने का खर्च हो जाएंगा। पहले व दूसरे वर्ष किसान फसल बो सकता है परन्तु तीसरे वर्ष में फसल बोने पर नाममात्र का उत्पादन होगा।

संघ प्रदेशाध्यक्ष जोगेन्द्र करौंथा ने बताया कि मिटी की जांच के लिए मोबाइल लैब बनाने की घोषणा की थी जिसकी गति विधियां भी शून्य है। ऐसी स्थिति में किसान किस प्रजाति के पौधे लगाए यह संयम बना रहेंगा। सरकार ने कृषि वानिकी को बढाया देने के लिए वर्ष 1989 में हरियाणा वन विकास निगम का गठन किया था। परन्तु निगम द्वारा अपने ज्ञापन में घोषित लक्ष्यों व उद्देश्यों को पूर्ण नहीं किया और किसानो को निगम के गठन का कोई लाभ नहीं मिला।

यह परियोजना में खेत की मिट्टी व पानी का परीक्षण करवाने पर ध्यान दिया (Meeting Organized For Protection Of Environment)

वर्ष 2016 में निगम में कार्यरत भ्रष्ट व पद लोलुप अधिकारियों की सिफारिश पर विभाग की उत्पादन शाखा को बन्द कर सरकारी वृक्षों की कटाई का कार्य भी निगम को दे दिया। जिसकी अब तक समीक्षा नहीं की गई है। कर्मचारी नेताओ ने कृषि वानिकी योजना लागू करने से पूर्व जो किसान योजना को अपनाना चाहते हैं उनके खेत की मिट्टी व पानी का परीक्षण करवाकर उपयुक्त प्रजाति के पौधे लगाने, विभाग की नर्सरियों से उपयुक्त प्रजाति के पौधे उपलब्ध कराने, हरियाणा वन विकास निगम को क्रियाशील करके किसानों को वन उत्पाद की बाजिब कीमत दिलाने की और भी ध्यान देने पर बल दिया। अन्यथा यह परियोजना किसानों के साथ – साथ पर्यावरण के लिए भी धोखा साबित होगी।

मिटिंग में ये रहें कर्मचारी उपस्थित (Latest Rohtak News)

मिटिंग में जयपाल हुड्डा, अमरजीत, संजय कुमार, मदनपाल, अरूण कुमार, सुमित कुमार, दिपक ,मनीष, अनुज, रोशन, महाबीर आदि कर्मचारी उपस्थित रहें।

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