Haryana News Chandigarh (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा के किसान संगठनों की आज चंडीगढ़ में 12 बजे सरकार के साथ मीटिंग होने जा रही है। यह बैठक हरियाणा भवन में रखी है। सरकार के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर किसानों के साथ बैठक करेंगे। जिसमें किसानों की सभी मांगों पर चर्चा की जाएगी। इस बैठक में विभिन्न किसान संगठनों को प्रतिनिधि शामिल होगें।
मुख्य मांगे
भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने बताया कि उनकी मुख्य मांग है कि हमे फसल खरीद की गारंटी देते हुए स्वामीनाथन की सिफारिश अनुसार सी2 + 50 % लागत का डेढ़ गुना दाम देने का कानून बनाया जाएं। प्रदेश में फसल खरीद में खरीद की लिमिट,आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन, पोर्टल आदि की शर्त हटाई जाएं व भुगतान तय सीमा में हो अन्यथा ब्याज समेत भुगतान हो। प्राकृतिक आपदा (ओलावृष्टि, आंधी, तूफान,बारिश, जलभराव, आगजनी ,सूखा,) आदि से फसल बर्बाद होने की स्थिति में आॅनलाइन आदि का चक्कर खत्म कर किसानों को जितना नुकसान होता है उसका मुआवजा देने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएं। रबी 2024 में ओलावृष्टि बर्बाद फसलों का प्रदेश के कई जिलों का बकाया मुआवजा जल्द किसानों के खातों में डाला जाएं। खरीफ 2021 का खेड़ी चौपट,नरवाना, आदमपुर, बालसमंद ,बरवाला,का मुआवजा दिया जाएं। बिजली संशोधन कानून और स्मार्ट मीटर योजना को रद्द करने की सिफारिश हरियाणा सरकार केंद्र सरकार को भेजे। खेतों से निकलने वाली हाई टेंशन पावर लाइन के मुआवजे को लेकर जो पॉलिसी हरियाणा सरकार लेकर आई है वो आंदोलनरत किसानों की मांगो के अनुरुप नहीं है उस पर पुनर्विचार करते हुए किसानों की मांगो के मुताबिक पॉलिसी बनाई जाएं। 765 केवी की एचटी लाइन और उसमे खंबो के नीचे की जमीन का मार्केट रेट से 200% व 67 मीटर चौड़े कॉरिडोर का 70% से अधिक मुआवजा दिया जाएं। प्रदेश में 300 यूनिट बिजली फ्री दी जाएं। प्रदेश में लंबित ट्यूबवेल कनेक्शन जल्द जारी किए जाएं। फसल बीमा योजना में बीमा कंपनियों की मनमानी शर्तों को हटाया जाएं। इसकी जगह सरकारी और प्रभावी फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन हो। जो कंपनियां किसानों के क्लेम नही दे रही उनपर कानूनी कार्यवाही की जाएं। इन मांगो सहित किसानों की कुल 30 मुख्य मांगे है।