ध्यान का हमारे जीवन में कितना अधिक महत्व है, इसके बारे में हमारे प्राचीन साहित्य अनेक स्थानों पर संकेत देते हुए दिखाई देते हैं। शरीर में जब दर्द हो तो किसी बात में मन नहीं लगता है। जिसमें कि सिरदर्द जोकि प्राय: कम ज्यादा सभी को होता है उसके होने पर इंसान अपने सभी कार्य भूल जाता है। दर्द जो हल्का-हल्का शुरू होता है और धीरे-धीरे थोड़ा बढ़ जाता है और कभी-कभी असहनीय भी हो जाता है। कभी-कभी तो ऐसा भी होता है की दवाईया लेने के बावजूद भी हमको सिर के दर्द से राहत नहीं मिलती। काफी लोग तो नियमित सर-दर्द को अपने जीवन की सच्चाई ही समझ लेते हैं परन्तु इस समस्या का इलाज है और वह इलाज है ‘ध्यान’। सुनने में शायद थोड़ा अटपटा लगे परन्तु ध्यान द्वारा सिर के दर्द से छुटकारा पाना मुमकिन है।
सिरदर्द की वजह क्या है? सिर दर्द क्यों होता है?
सिरदर्द मुख्य रूप से तनाव,अत्यधिक शारीरिक और मानसिक परिश्रम,अपर्याप्त नींद और भूख, मोशन सिकनेस,अत्यधिक शोरगुल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के अधिक प्रयोग के कारण सिरदर्द हो सकता हैं। कभी-कभी,अधिक अधिक सोचना, अपर्याप्त मात्रा में पानी पीना यह भी सिरदर्द के कारण है।
सिर दर्द होने के ८ कारण
कारण – तनाव
जब शरीर व मन में तनाव संभालना मुश्किल हो जाए, तब ये सिरदर्द का स्वरूप ले लेता है। ध्यान तनाव का प्रति-अनुपाती (ध्यान करने से तनाव कम होता है) है। जितना ज़्यादा और जितनी बार आप ध्यान करते हैं, उतना ही तनाव आपसे दूर हो जाता हैl कुल मिलाकर तात्पर्य यह है कि १०-२० मिनट का प्रतिदिन ध्यान अवश्य करें ।
मन व शरीर की थकावट
दिनभर घर व काम पर भागते भागते बहुत से काम निपटाने होते हैं। ऐसे समय ध्यान आपको तरो ताज़ा कर ऊर्जा से भर देता है। आपकी मुस्कराहट लौट आती है और सुबह की जैसी ताज़गी शाम को बस २० मिनट के ध्यान से आ जाती है। ये आपको पूरी तरह विश्राम देता है ताकि आप अपने परिवार के साथ अच्छे से आनंदपूर्ण समय बिता पाएँ|
असंतुलित शारीरिक तंत्र
आपने ध्यान दिया होगा कि जब आपका पेट खराब होता है, आपको सिरदर्द होने लगता हैl हमारे शरीर के सब अंग एक दूसरे से अच्छे से जुड़े हुए हैं इसलिए एक अंग में किसी भी प्रकार का असंतुलन, दूसरे अंग को प्रभावित करता है।ध्यान शरीर के विभिन्न अंगो में उपस्थित विष से शरीर को मुक्त करता है और तनाव को दूर कर पुनः संतुलन को स्थापित करता है। यह शरीर के पाचन तंत्र पर नज़र रखने में सहयोग करता है। जब आप प्रतिदिन ध्यान रखते हैं कि आप क्या खा रहे हैं और कितना खा रहे हैं। आप अपने आहार पर ध्यान रख, इस बारे में सजग रहने लगते हैं तो पाचन में सुधार आता है और शरीर भी संतुलित हो जाता है। इस प्रकार सिर दर्द की संभावना कम हो जाती है।
सिर में अल्प रक्त प्रवाह
दिन में प्रति दिन दो बार 10-20 मिनट का ध्यान न केवल शरीर व मन को गहरा विश्राम देता है बल्कि सिर के क्षेत्र में रक्त का प्रवाह भी बढ़ाता है। इस क्षेत्र में बढ़ा हुआ रक्त प्रवाह सिरदर्द की संभावना को कम कर देता है ।ध्यान के अतिरिक्त आप कुछ योग आसन भी कर सकते हैं, जो रक्त संचार को बढ़ाते हैं, जैसे कि हस्तपादासन, सर्वंगासन और हलासन।
अपर्याप्त नींद
लंबे समय तक काम करना, अत्यधिक काम करने की आदत या टीवी व इंटरनेट की लत, ये सभी बहाने हैं रात को देर से सोने के। यद्यपि ये अच्छा नहीं है कि इन्हे आदत बनाया जाए और रात में देर से सोया जाए लेकिन कई बार यह अपरिहार्य (जिसे टाला न जा सके) हो जाता है। जब किसी प्रॉजेक्ट की समय सीमा समाप्त हो रही हो या देर रात क्लाइंट की मीटिंग है, इस बारे में हम ज़्यादा कुछ नहीं कर सकते हैं। कई बार बस 20 मिनट बैठकर ध्यान करना, इस तरह के काम के दवाब का सामना करने में मदद करता है। ध्यान आपको विश्राम देता है, साथ ही कार्यक्षमता को बढ़ाता है।
वास्तव में ध्यान का नियमित अभ्यास उत्पादकता बढ़ाता है। आप अपना काम जल्दी ख़त्म कर लेते हैं और देर रात तक रुकना नहीं पड़ता है।ध्यान एक ऐसा नींद आने का घरेलू उपाय है, जिस से तुरंत फायदा होता है|ध्यान आपकी नींद की गुणवत्ता को भी बढ़ाता है। क्या आपको पता है कि 20 मिनट का ध्यान आपकी 8 घंटे की नींद से भी ज़्यादा गहरा विश्राम दे सकता है? इसका तात्पर्य यह नहीं है कि ध्यान नींद का विकल्प है, बल्कि जब आप ध्यान करते हैं तो आप बेहतर सो पाते हैं।
अत्यधिक शोर
हम सभी ने कभी न कभी अत्यधिक शोर का अनुभव किया होगाl हम में से कुछ बिल्कुल भी शोर सह नहीं पाते हैं और जल्दी ही सिरदर्द की शिकायत करने लगते हैं। ध्यान आपको किसी भी परिस्थिति को वो जैसी है वैसी ही उसे स्वीकारने की योग्यता देता है। जिससे आप किसी भी परिस्थिति में शांत व आराम से रह पाते हैं। इसलिए अगर आपके आसपास ज़ोर का शोर है ये आपको प्रभावित नहीं करेगा क्योंकि आप ध्यान करते हैं और भीतर से विश्राम में हैं। जब आप नियमित ध्यान करते हैं तब आपके भीतर एक ठहराव की अनुभूति आने लगती है। ऐसी स्थितियाँ आएँगी जब आपके आसपास बहुत शोर होगा जो कि सिरदर्द कर देने वाला भी हो सकता है लेकिन नियमित ध्यान के अभ्यास से आप इस स्थिति का सामना कर पाएँगे और स्वीकार कर पाएँगे।
फ़ोन पर ज़्यादा देर बात करना
ये एक ऐसी स्थिति है जिससे बचना कई बार मुश्किल हो जाता हैl दिन भर की क्लाइंट कॉल या देश विदेश के दोस्तों के हालचाल लेना ये सब काम हम हर दिन अपने जीवन में करते हैं। कभी कभी ये फ़ोन पर ज़्यादा देर बात करना सिरदर्द का कारण बन जाता है।
चिंता मत करें l जब भी आपको चक्कर आए बस कुछ मिनट ध्यान करें। ये आपके तनाव को दूर करेगा और तंत्रिका तंत्र को गहरा विश्राम देगा जो कि एलेक्ट्रॉनिक चीज़ों के प्रयोग से प्रभावित हुआ है।
ज़रूरत से ज़्यादा सोचना
एक हल है, ज़्यादा सोचना बंद कर दें। लेकिन कई बार सोचना अवश्यंभावी हो जाता है। रोजमर्रा की जिंदगी का तनाव, काम का दबाव, परिवार का दबाव, सम्बंधों के विवाद, इन सबके बीच हम कैसे नहीं सोचें। लेकिन आप निश्चित ही दिन में कुछ समय निकाल कर आँख बंद कर विश्राम कर सकते हैं। कुछ समय के लिए बाहरी संसार को अलग रख, अपने साथ रहें इसे अपना समय समझ कर प्रयोग करें और अंतर देखें।
सिरदर्द दूर करने के घरेलू उपाय
योग का नियमित अभ्यास: जिस में उपरोक्त योगासन और प्राणायाम (नाड़ी शोधन प्राणायाम व भ्रामरी प्राणायाम) सम्मिलित हैं, अत्यंत प्रभावी हैं l उसके बाद २० मिनट का ध्यान करे। अधिक पानी पीएँ– पर्याप्त मात्रा में पानी पियें शरीर में पानी की कमी से भी सिरदर्द हो सकता है। योग और ध्यान करने के अभ्यास के बाद भी कभी-कभी हमें सिरदर्द हो सकता है। इसका कारण यहहै, कि ध्यान शरीर से विषाक्त पदार्थों को दूर करने में मदद करता है। इसके बाद, आपको शारीरिक तंत्र प्रणाली को शुद्ध करने के लिए अपने शरीर को पुनः जलयोजित करना पड़ेगा (फिर से पानी पीना पड़ेगा ) सिरदर्द से राहत पाने के लिए पानी,रोग निवारक एक आसान उपचार है।
आयुर्वेद की सहायता– आयुर्वेद की जड़ी बूटियाँ जो सिरदर्द को दूर करने में मदद करती हैं, जैसे पान, अदरक और मेहंदी इत्यादिlएक स्वस्थ आहार की सूचि बनाएं जो आपके स्वादानुसार हो। यह एकमात्र तरीका है,कि आप इसे लंबे समय तक जारी रख सकते हैं।