हाथरस की दलित युवती के हुईबर्बरता और हैवानियत ने पूरे देश को हिला दिया। इस घटना के विरोध में प्रदर्शन भी हो रहे हैं। हांलाकि इस बीच उसकी मेडिकल रिपोर्ट के बाद विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की रिपोर्ट भी आ गई। लेकिन इस रिपोर्ट मेंआर्श्चयजनक बात सामने आई है कि उसके साथ रेप नहीं हुआ था। आज यूपी के एडीजी लॉ एंड आॅर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि एफएसएल रिपोर्ट में पीड़िता के साथ रेप की पुष्टि नहीं हुई है। मेडिकल रिपोर्ट में भी रेप की पुष्टि नहीं हुई थी। एडीजी ने कहा, ‘पीड़ित युवती का पोस्टमार्टम दिल्ली में हुआ था। उन्होंन े यह भी कहा कि उसका अंतिम संस्कार भी परिजनों के सहमति के बाद ही हुआ था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गले की चोट और उसके कारण हुए ट्रॉमा को मौत का कारण बताया गया है। विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट में बताया गया है कि जो सैंपल इकट्ठे किए गए थे, उसमें किसी तरह का शुक्राणु नहीं पाया गा है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इसके बात साफ है कि जातीय तनाव पैदा करने की कोशिश की जा रही है। कुछ लोग प्रदेश में गलत तरीके से जातीय तनाव को पैदाकरने के लिए इसका स हारा ले रहे हैं। अब हम आगे की विधिक कार्रवाई करेंगे। ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी जो प्रदेश में सामाजिक सद्भाव बिगाड़ना चाहते थे और जातीय हिंसा को भड़काना चाहते थे।’