प्रवीण वालिया, करनाल:
Media Coordinator Jagmohan Anand: मुख्यमंत्री के साथ निरंतर युवा और ऊर्जा से लबरेज होकर आगे बढ़ रहा है कुछ लोग थे जो वक्त के सांचे में, ढल रहे हैं, कुछ लोग हैं जो वक्त के सांचे बदल रहें हैं… जी हाँ हम बात कर रहे हैं ऊर्जा से ओतप्रोत और हरियाणा के शासन में शुचिता युक्त नवाचार के प्रणेता मुख्यमंत्री हरियाणा मनोहर लाल की। आज उनके जन्मदिवस के अवसर पर कुछ ऐसा प्रतीत हो रहा मानो हरियाणा मुख्यमंत्री के साथ निरंतर युवा और ऊर्जा से लबरेज होकर आगे बढ़ रहा है। नित-नई योजनाओं से हरियाणा देश का अनुकरणीय प्रदेश बन चुका है। ये विचार मुख्यमंत्री के मीडिया कोर्डिनेटर जगमोहन आनंद ने यहां एक भेंटवार्ता में कहे।
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मुख्यमंत्री मनोहर लाल का स्वभाव सरल और दयालु है
जगमोहन आनंद ने कहा कि 26 अक्तूबर 2014 में जब प्रदेश के चौथे लाल यानि मनोहरलाल ने सत्ता संभाली थी। तभी से लोगों की निगाहें इस बात पर टिकी थी कि क्या वे भी तीन लालों की श्रेणी में आएंगे या नहीं, बीते सात साल के शासन का आंकलन किया जाए तो ध्यान में आता है कि मनोहर लाल, हरियाणा की राजनीति में मुस्कराता चेहरा है, जो परिणाम की बुनियाद पर अपने वजूद की पैमाइश देता है। ऐसा आत्मविश्वास है, जो भ्रष्ट व्यवस्था को जड़ से उखाडऩे और हाशिये पर गए समाज को नई ताकत दे रहा है। जो सिस्टम को योजनाबद्ध तरीके से ठीक करने का आमादा रखता है। इसलिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी का स्वभाव सरल और दयालु है। उनके अन्दर स्वार्थ, मोह, ईष्र्या, द्वेष, कपट, बेईमानी आदि कुप्रवृतियों का नामोनिशान नहीं है। उनके रास्ते में रोड़े अटकाने और उनके लिए बाधा उत्पन्न करने वालों के प्रति भी उनका व्यवहार बेहद सौम्य है। उनके विराट व्यक्ति को उनके ही कथन से स्पष्ट समझा जा सकता है, जब वे कहते हैं कि समाज के अंतिम व्यक्ति को अगर हम सामुहिक प्रयास से सुखी बनाएंगे तो समाज अपने आप समृद्ध बन जाएगा। इसलिए योजनाएं ऐसी बनानी चाहिए, जिससे समाज के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को भी लाभ हो।
युवाओं को स्कूल-कॉलेज की दहलीज पर पहुंचाया
उन्होंने बताया कि 5 मई, 1954 को रोहतक के निदाणा गांव के किसान हरबंस लाल खट्टर के घर जन्मे मनोहर लाल अपने बाल्यकाल से गरीबों के संवदेनशील रहे। परिवार में सबसे बडे होने के बावजूद होने उन्होंने अविवाहित रहकर समाज-सेवा को अपना जीवनपथ बनाया और अपना पूरा सामाजिक जीवन गरीब, वंचित, पिछडे और शोषित वर्ग को समर्पित कर दिया। सामाजिक जीवन के दौरान उनके यमुनानगर, भिवानी के परिचित साथी कहते हैं कि मनोहर लाल जी ने न जाने कितने गरीब युवाओं को स्कूल-कॉलेज की दहलीज पर पहुंचाया, फीस भरी और उन्हें काबिल बनाया। ये अच्छाईयां उनके शासनकाल में विभिन्न रूप में दिखाई देती हैं। जिसके कारण आज उन्हें लोग राजनीति में संत, की संज्ञा देते हैं। सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष के नेतागण भी उनके कार्यशैली के मुरीद हैं।
मनोहर सरकार गरीबों की सरकार (Media Coordinator Jagmohan Anand)
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में उनकी सरकार को गठित हुए साढे सात साल हो चुके है। इन सालों में उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही थी कि उनका शासन पूरी तरह भ्रष्टाचार से मुक्त रहा है। संगठन के साधारण जीवन से सक्रिय राजनीति में कदम रखने के बाद भी उन्होंने कभी स्वयं को नहीं बदला। बल्कि वे व्यवस्था को परिवर्तन करने वाले वाहक बनते चले गए। सात पहले जब वे पहली बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे थे, तो उन्होंने महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि उनकी सरकार पूरी ईमानदारी और बिना भेदभाव के काम करेगी। इस बात पर वे आज भी कायम है। असल में यह एक सैद्धान्तिक विचार था, जो मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के सामने रखा था। इस पर अमल करने के लिए सरकार ने ऐसी योजना व नीतियां बनाई, जिससे आज आम लोगों को लगता है कि मनोहर सरकार गरीबों की सरकार है।
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