विधानसभा में आम आदमी पार्टी की हार के बाद अब आप पार्षद भाजपा में होने लगे शामिल

Delhi News Today (आज समाज), नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के लिए 2025 की शुरुआत ठीक नहीं रही। एक तरफ जहां विधानसभा चुनाव में पार्टी ने दिल्ली में अपनी 11 साल की सत्ता खो दी। वहीं पार्टी के वोट बैंक में बहुत ज्यादा गिरावट भी दर्ज की गई।

विधानसभा चुनाव में हार के बाद अब आम आदमी पार्टी के लिए एक नई परेशानी साामने आ रही है। विस चुनाव में पार्टी की हार और भाजपा की जीत का असर आप पार्षदों पर भी दिखाई दे रहा है। आप पार्षद पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं। शनिवार को आम आदमी पार्टी (आप) के तीन पार्षद भाजपा में शामिल हो गए। इस तरह आगामी एमसीडी मेयर चुनाव में उसकी जीत की संभावना बढ़ गई है।

दिल्ली में भाजपा की ट्रिपल इंजन सरकार बनेगी

पार्षदों का स्वागत करते हुए दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली में केंद्र, विधानसभा और नगरपालिका स्तर पर एक ट्रिपल इंजन सरकार होगी। जो तीन पार्षद बीजेपी में शामिल हुए हैं उनमें अनीता बसोया (एंड्रयूज गंज), निखिल चपराना (हरि नगर) और धर्मवीर (आर के पुरम) शामिल हैं। सचदेवा ने कहा कि दिल्ली को स्वच्छ और सुंदर शहर बनाने के लिए पार्षद भाजपा में शामिल हुए हैं। विधानसभा चुनावों में अपनी हालिया शानदार जीत के मद्देनजर, भाजपा मेयर पद हासिल करके दिल्ली में ट्रिपल इंजन सरकारश् पर नजर गड़ाए हुए है। भाजपा ने 70 विधानसभा सीटों में से 48 सीटें जीतकर आप को एक दशक बाद सत्ता से बाहर कर दिया।

अप्रैल में होना है मेयर का चुनाव

मेयर का चुनाव अप्रैल में होना तय है। आप ने नवंबर 2024 में हुए पिछले मेयर चुनाव में तीन वोटों से जीत हासिल की थी। पार्षदों के अलावा, सात लोकसभा सांसद (सभी भाजपा के), तीन राज्यसभा सांसद (सभी आप के) और दिल्ली में 14 नामांकित विधायक दिल्ली नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में मतदाता हैं। तीन पार्षदों के शामिल होने से भाजपा की सीटें अब आप से अधिक हो गई हैं।

इस तरह भाजपा बदलेगी समीकरण

भाजपा नेताओं ने कहा कि भाजपा अपने 10 विधायकों को एमसीडी के लिए नामांकित करने जा रही है, जबकि आप के पास नागरिक निकाय के लिए चार नामांकन होंगे। पांच फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के आठ और आप के तीन पार्षद विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए। 2022 के एमसीडी चुनावों में, आप ने 134 वार्ड, भाजपा ने 104, कांग्रेस ने नौ और निर्दलीय ने तीन वार्ड जीते थे।

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