लंदन। न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के बीच खेले गये आईसीसी विश्व कप के फाइनल में हुए ह्यओवरथ्रोह्ण विवाद के बाद क्रिकेट कानूनों के संरक्षक मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) इस नियम की समीक्षा कर सकती है। यद संडे टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ह्यह्य एमसीसी में एक विचार है कि जब अगली बार खेल के नियमों की समीक्षा हो तो ओवरथ्रो के नियमों पर ध्यान दिया जाए, जो इसकी उप-समिति की जिम्मेदारी है।ह्णह्ण फाइनल में इंग्लैंड को आखिरी ओवर में ओवरथ्रो से छह रन मिले। मार्टिन गुप्टिल का थ्रो बेन स्टोक्स के बल्ले से लगकर सीमा रेखा के पार चला गया था। इंग्लैंड ने मैच टाई कराया और फिर सुपर ओवर भी टाई छूटा जिसके बाद ह्यबाउंड्रीह्ण गिनती की गयी और इंग्लैंड चैंपियन बन गया। श्रीलंका के कुमार धर्मसेना और दक्षिण अफ्रीका के मारियास इरासमुस मैदानी अंपायर थे जिन्होंने इंग्लैंड को छह रन दे दिया। हालांकि आईसीसी के पूर्व अंतरराष्ट्रीय अंपायर साइमन टफेल ने कहा था कि यह बहुत खराब फैसला था। उन्हें (इंग्लैंड) पांच रन दिये जाने चाहिए थे छह रन नहीं। यह घटना मैच के अंतिम ओवर में हुई। टीवी रीप्ले से साफ लग रहा था कि आदिल राशिद और स्टोक्स ने तब दूसरा रन पूरा नहीं किया था जब गुप्टिल ने थ्रो किया था। लेकिन मैदानी अंपायर कुमार धर्मसेना और मारियास इरासमुस ने इंग्लैंड के खाते में छह रन जोड़ दिये। चार रन बाउंड्री के तथा दो रन जो बल्लेबाजों ने दौड़कर लिये थे।