मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग ने सीओपीडी को लेकर किया लोगों को जागरूक

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Max Hospital Shalimar Bagh made people aware about COPD
Max Hospital Shalimar Bagh made people aware about COPD
Aaj Samaj (आज समाज),Max Hospital Shalimar Bagh made people aware about COPD,पानीपत : नॉर्थ इंडिया के अग्रणी अस्पतालों में शुमार मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, शालीमार बाग, नई दिल्ली ने आज एक जन जागरूकता सत्र का आयोजन किया, जिसमें क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) के समय पर डायग्नोज, इसके प्रभावी प्रबंधन और बचाव के संभावित तरीकों के बारे में बताया गया। इस अवसर पर मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग में पल्मोनोलॉजी और स्लीप मेडिसिन के सीनियर डायरेक्टर डॉक्टर इंद्र मोहन चुग, मेडिकल एंड हेमेटो-ऑन्कोलॉजी के एसोसिएट डायरेक्टर डॉक्टर सुशांत मित्तल और मेडिकल एंड हेमेटो-ऑन्कोलॉजी के एसोसिएट डायरेक्टर डॉक्टर समित पुरोहित उपस्थित रहे। इन विशेषज्ञों ने इस तथ्य पर जोर दिया कि सीओपीडी एक आम, रोकथाम योग्य और इलाज योग्य पुरानी फेफड़ों की बीमारी है। इसके बावजूद यह देश में नॉन कम्युनिकेबल डिजीज से संबंधित मृत्यु दर का दूसरा सबसे आम कारण भी है।

गुरुवार को 12 से 2 बजे, शुक्रवार को 2 से 5 बजे के बीच उपलब्ध रहेंगे

 हमारे दोनों डॉक्टर अब मैक्स मेड सेंटर, मॉडल टाउन, पानीपत में ओपीडी परामर्श के लिए उपलब्ध होंगे। डॉक्टर इंद्र मोहन चुग हर महीने के पहले गुरुवार को दोपहर 12 बजे से 2 बजे के बीच और हर महीने के तीसरे शुक्रवार को दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे के बीच उपलब्ध रहेंगे और डॉक्टर सुशांत मित्तल व डॉ. समित पुरोहित महीने के हर मंगलवार और गुरुवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच उपलब्ध रहेंगे। सीओपीडी में क्रोनिक ब्रोंकाइटिस शामिल होता है. इसमें वायु मार्ग पर सूजन आ जाती है, ज्यादा बलगम पैदा होता है, फेफड़ों की हवा की थैली को नुकसान होता है और सांस छोड़ने में दिक्कत आती है. इसके लक्षणों में सांस फूलना, पुरानी खांसी, घरघराहट, सीने में जकड़न और थकान शामिल है।

श्वसन संक्रमण के खिलाफ टीकाकरण और नियमित स्वास्थ्य जांच शामिल है

मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग में पल्मोनोलॉजी और स्लीप मेडिसिन के सीनियर डायरेक्टर डॉक्टर इंद्र मोहन चुग ने कहा, ”सीओपीडी का रिस्क बढ़ाने वाले कारकों में धूम्रपान, प्रदूषकों के लंबे समय तक संपर्क, आनुवंशिक प्रवृत्ति, बचपन में रेस्पिरेटरी इंफेक्शन, व्यावसायिक खतरे, टीबी की हिस्ट्री और अनियंत्रित अस्थमा शामिल है। इसके इलाज में धूम्रपान छोड़ना, सेकेंड हैंड धूम्रपान से बचना, इनडोर प्रदूषक रिस्क को कम करना, हाई रिस्क वाले व्यवसायों में सुरक्षात्मक गियर का उपयोग करना, बाहरी वायु गुणवत्ता की निगरानी करना, स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखना, श्वसन संक्रमण के खिलाफ टीकाकरण और नियमित स्वास्थ्य जांच शामिल है।”

सीओपीडी का समय पर इलाज काफी अहम होता है

मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल शालीमार बाग में मेडिकल एंड हेमेटो-ऑन्कोलॉजी के एसोसिएट डायरेक्टर डॉक्टर सुशांत मित्तल ने कहा, ”क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) का समय पर इलाज काफी अहम होता है, क्योंकि इसमें एयरफ्लो में रुकावट, सांस फूलने और पुरानी खांसी जैसी समस्या होती है. इसके लक्षणों को मैनेज करने, बीमारी की स्पीड को घटाने और जीवन की बेहतर गुणवत्ता बनाए रखने के लिए अर्ली स्टेज में इंटरवेंशन बहुत महत्वपूर्ण है। सीओपीडी और फेफड़ों के कैंसर के रिस्क में वृद्धि के बीच एक महत्वपूर्ण लिंक है, खासकर धूम्रपान करने वालों में, क्योंकि पुरानी सूजन और ऊतक क्षति कैंसर के विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाती है। साझा जोखिम कारक, विशेष रूप से तंबाकू धूम्रपान, सीओपीडी और फेफड़ों के कैंसर को बढ़ाते हैं।”

मैक्स अस्पताल में अत्याधुनिक तकनीक हैं, रोग के डायग्नोज की बेहतर क्षमताएं हैं
मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग में मेडिकल एंड हेमेटो-ऑन्कोलॉजी के एसोसिएट डायरेक्टर डॉक्टर समित पुरोहित ने कहा, ”अगर किसी सीओपीडी मरीज का बिना किसी कारण वजन घट रहा हो, लगातार सीने में दर्द, या रक्त की खांसी जैसी परेशानियां हो रही हैं तो वो एक ऑन्कोलॉजिस्ट से परामर्श कर सकते हैं. निगरानी और समय पर विशेषज्ञ से परामर्श कैंसर का पता लगाने में काफी अहम रोल अदा करते हैं. सीओपीडी और कैंसर को प्रभावी ढंग से मैनेज करने के लिए लगातार डॉक्टरों के संपर्क में रहना महत्वपूर्ण होता है।” मैक्स अस्पताल में अत्याधुनिक तकनीक हैं, रोग के डायग्नोज की बेहतर क्षमताएं हैं और यहां सांस से जुड़ी सभी समस्याओं और सभी तरह के कैंसर के इलाज की व्यवस्था है।