भाषा,मोहाली। भारत में क्रिकेट केवल एक खेल नहीं हैं इसे लोग पूजते हैं। क्रिकेट खिलाड़ियों को भगवान की तरह मानते हैं। भारत में क्रिकेट जितना प्रसिद्ध है उतना ही उस पर सट्टा भी लगता है। भले ही यह अभी तक लीगल नहीं हैं लेकिन भारत में सट्टेबाजी का बाजार करोड़ों अरबों का बताया जाता है। इसे रोकना अब तक संभव नहीं हो पाया है। जबकि यह दिन ब दिन बढ़ ही रहा है। अब तो इसे लीगल करने की भी मांग उठ रही है। साथ ही इसके लिए स्पष्ट कानून की मांग की जा रही है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की भ्रष्टाचार रोधी इकाई के प्रमुख अजीत सिंह शेखावत ने भारतीय क्रिकेट में भ्रष्टाचार की समस्या से निपटने के लिए मैच फिक्सिंग से जुड़े नियम बनाने और सट्टेबाजी को वैध करने का सुझाव दिया। शेखावत ने कहा, ”एक बार वैध किए जाने के बाद आपको यह आंकड़े भी मिल जाएंगे कि कौन सट्टेबाजी कर रहा है और कितनी सट्टेबाजी कर रहा है। और ऐसा करते हुए अवैध सट्टेबाजी को मुश्किल कर दो। फिलहाल तो आप कुछ सौ या कुछ हजार रुपये का जुमार्ना देकर बच सकते हो।’ अप्रैल 2018 में बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी इकाई से जुड़ने से पहले राजस्थान पुलिस के महानिदेशक रह चुके शेखावत ने इंटरव्यू में यह सुझाव दिए। ‘पिछले एक साल में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों सहित 12 क्रिकेटरों के भ्रष्ट संपर्क की शिकायत करने, संदिग्ध गतिविधि के कारण तमिलनाडु प्रीमियर लीग के संदेह के दायरे में आने और एक महिला क्रिकेटर से सट्टेबाज के संपर्क करने की शिकायत करने के बाद शेखावत ने यह सुझाव दिया। इस साल मुंबई, कर्नाटक और तमिलनाडु की लीगों से सामने आए मामलों को देखते हुए क्या देश में मैच फिक्सिंग या स्पॉट फिक्सिंग को रोकना असंभव हो गया है? इस सवाल के जवाब में शेखावत ने कहा, ”इसे रोकना असंभव नहीं है। इसमें संभवत: इसके खिलाफ कानून की जरूरत है, मैच फिक्सिंग कानून। अगर इसके खिलाफ स्पष्ट कानून होगा तो पुलिस की भूमिका भी स्पष्ट होगी।’ शेखावत ने कहा कि खेल में भ्रष्टाचार से निपटने का एक अन्य तरीका सट्टेबाजी को वैध बनाना भी है। उन्होंने कहा, ”सट्टेबाजी को वैध बनाने पर विचार हो सकता है कि चल रहा हो ताकि जो भी अवैध गतिविधियां हो रही हैं उन सभी को नियंत्रित किया जा सके। वैध सट्टेबाजी कुछ मापदंडों के अंतर्गत होती है और इसे नियंत्रित किया जा सकता है।” भारतीय पुलिस सेवा के इस सेवानिवृत्त अधिकारी ने कहा, ”इससे सरकार को उतना ही भारी भरकम राजस्व भी मिलेगा जो आबकारी विभाग हासिल करता है। खेलों पर सट्टेबाजी पर जो राशि लगती है वह काफी बड़ी है।”
शेखावत ने कहा कि इस तरह के कदम से इससे जुड़े लोगों और साथ ही पैसे पर भी नजर रखी जा सकती है। उन्होंने कहा, ”सिर्फ राजस्व ही नहीं बल्कि अन्य मुद्दे भी सरकार के दिमाग में हो सकते है। मैं यह नहीं कह रहा कि इसे वैध किया जाना चाहिए, लेकिन इस पर विचार किया जाना चाहिए। वैध किए जाने पर इसका नियमन किया जा सकता है, अभी यह पूरी तरह से अवैध है।”
Sign in
Welcome! Log into your account
Forgot your password? Get help
Password recovery
Recover your password
A password will be e-mailed to you.