Massaging the baby tips: शिशु की मसाज करते हुए इन बातों का रखें ख्याल

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Massaging the baby tips

Massaging the baby tips: शिशुओं के शरीर की मसाज, पेरेंट्स उनके जन्म के तुरंत बाद से ही शुरू कर देते हैं। कई महिलाएं खुद ही अपने शिशु की मसाज करती हैं या अपनी दादी/नानी से करवाती हैं। जबकि कई महिलाएं बच्चों के शरीर की मसाज करने के लिए दाई मां रखती हैं। बॉडी मसाज नवजात शिशुओं के शरीर को मजबूत बनाने और बेहतर विकास के लिए बहुत जरूरी है। लेकिन अक्सर बेबी मसाज के दौरान हम ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिससे शिशु के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।

बेबी मसाज के दौरान क्या गलतियां नहीं करनी चाहिए?

बच्चे के कान या नाक में तेल न डालें क्योंकि इससे इंफेक्शन फैलने या सुनाई देने या सांस लेने में समस्य हो सकती है। मसाज करने के दौरान दूध निकालने के लिए बच्चे के स्तन को न दबाएं। ऐसा करने से बच्चे के स्तन में दर्द, जलन और रेडनेट हो सकती है।
बच्चे के निजी अंगों में तेल न डालें, क्योंकि ऐसा करने से उनके प्राइवेट पार्ट्स में इंफेक्शन या जलन की समस्या बढ़ सकती है।
मालिश के दौरान बच्चे कोजोर से हिलाने से बचें और किसी भी तरह के नुकसान से बचने के लिए आराम से और हल्के हाथों से मसाज करें।
मालिश के दौरान अपना ध्यान फोन में न लगाएं, बल्कि बच्चे की आंखों से संपर्क बनाए रखने की कोशिश करें। ऐसा करने से आपका और बच्चे का संबंध मजबूत होगा।

बच्चों की मालिश करने से क्या फायदा होता है?

मसाज करने से शिशुओं को आराम मिलता है और अच्छी नींद आती है।
शारीरिक स्पर्श और आंखों के संपर्क से माता-पिता और शिशु के बीच संबंध मजबूत होते हैं।
शिशु का मसाज करने से उनके शरीर में ब्लड फ्लो बेहतर होता है, जो ओवरओल हेल्थ के लिए अच्छा है।

पेट की मालिश करने से शिशु के पेट में फंसी गैस और कब्ज से राहत मिलता है।
बच्चों के शरीर की मसाज करने से मांसपेशियों को टोन करने में मदद मिलती है।