Ambala News: शहीदी स्मारक और सबसे बड़ा म्यूजियम अम्बाला छावनी में बन रहा, जानें क्‍या है खूबियां

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Ambala News: शहीदी स्मारक और सबसे बड़ा म्यूजियम अम्बाला छावनी में बन रहा, जानें क्‍या है खूबियां
Ambala News: शहीदी स्मारक और सबसे बड़ा म्यूजियम अम्बाला छावनी में बन रहा, जानें क्‍या है खूबियां

Museum in Ambala Cantonment: पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि आजादी की पहली लड़ाई का शहीदी स्मारक व एशिया का सबसे बड़ा म्यूजियम अम्बाला छावनी-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनाया जा रहा है. इसका आचार संहिता लगने से पहले उद्घाटन पीएम मोदी के हाथों किया जाना प्रस्‍तावित है. उन्होंने कहा कि अंबाला में आजादी की पहली लड़ाई का शहीदी स्मारक बनने से यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा और जो कोई भी यहां से गुजरेगा वो एक बार इस शहीदी स्मारक को जरूर देखना चाहेगा. उन्होंने इसकी खूबियों के बारे में भी जानकारी दी कि बनने के बाद ये कैसा नजर आएगा.

अनिल विज ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई 1857 में अम्बाला छावनी से शुरू हुई थी जिसका सम्पूर्ण विवरण यहां पर दिखाया व प्रदर्शित किया जाएगा. इस स्मारक में बड़ी 11 गैलरियां बनाई जाएंगी. एक कमल का फूल मैमोरीयल टावर यहां पर स्थापित होगा, दो लिफ्ट होंगी. शहीदी स्मारक को देखने के लिये लोगों का काफी फुटफाल होगा, 21 गाइड यहां पर तैनात किये जाएंगे ताकि लोग शहीदी स्मारक के सम्बन्ध में जो भी जानकारी या विशेषता जानना चाहेंगे, उनकी जानकारी दी जा सकेगी.

पीएम मोदी इस शहीदी स्‍मारक का उद्घाटन करें, ऐसे प्रयास हो रहे हैं

पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि यहां आठ रेस्टोरेंट होंगे जिसमें बेहतरीन व्यंजन होंगे, एक सेमिनार शॉप होगी जिसमें हरियाणा की बनी चीजें एवं मॉडल प्रदर्शित होंगे. जो भी व्यक्ति शहीदी स्मारक को देखने आएगा, उसे यह सब देखने में पूरा एक दिन लगेगा. उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि आचार संहिता से पहले-पहले इस शहीदी स्मारक का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से करवाने का प्रयास रहेगा. उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिये एंट्री फीस भी रखी जाएगी जोकि इसके रख-रखाव पर खर्च की जाएगी.

आजादी की लड़ाई में कितने लोगों ने कुर्बानियां दीं, यह बताया जाएगा

पूर्व गृहमंत्री एवं विधायक ने यह भी बताया कि यहां पर दो हजार लोगों की क्षमता का ओपन एयर थियेटर भी बनाया जा रहा है, जिसमें डिजिटल, विजुअल, इलेक्ट्रोनिक्स व लेजर के माध्यम से 1857 की क्रांति को दिखाने व दर्शाने का काम किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि आजादी की लड़ाई के बारे में कांग्रेस ने केवल यही बताया है कि यह लड़ाई कांग्रेस ने लड़ी थी लेकिन आजादी की लड़ाई के लिये कितने लोगों ने कुर्बानियां दी, कितनों ने लड़ाईयां लड़ी, यह कभी नहीं बताया.