- ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री मंजी (बाउली) साहिब में शहीदी सभा में किया शहीदों को नमन
- धार्मिक मुकाबलों समेत खेल व अन्य प्रतियोगिताओं में स्कूली विद्यार्थियों ने भाग, दिखाई प्रतिभा
- धार्मिक ज्ञान देने के साथ-साथ शरीर सुढृढ करने के लिए करवाए मुकाबले : टीपी सिंह
- दुमाला, गतका व गुरबाणी कंठ मुकाबले होंगे 25 दिसंबर को
Gurudwara Manji Sahib Ambala | अंबाला | हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमैंट कमेटी के प्रधान जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध और धर्म प्रचार चेयरमैन जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल के दिशा-निर्देश पर धन-धन श्री गुरु तेग बहादुर साहिब, माता गुजर कौर व चार साहिबजादों एवं समूह शहीदों की शहादत को समर्पित शहीदी सभा करवाई गई।
ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री मंजी (बाउली) साहिब में करवाई गई सभा में विशेष रूप से हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमैंट कमेटी के वरिष्ठ उपप्रधान सुदर्शन सिंह सहगल, कार्यकारिणी समिति तरविंदरपाल सिंह, मैंबर हरपाल सिंह कंबोज, इंदरजीत सिंह वासूदेवा, रजिंदर सिंह, कैप्टन दिलबाग सिंह, मनजीत सिंह, भूपिंदर सिंह व इंदरपाल सिंह सहित विभिन्न प्रतिभागी शामिल रहे।
शहीदी सभा के अंतर्गत विभिन्न प्रतियोगिताएं करवाई गई – वरिष्ठ उपप्रधान सुदर्शन सिंह सहगल
हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमैंट कमेटी द्वारा श्री गुरु हरगोबिंद साहिब सेवा सोसायटी अंबाला शहर के सहयोग से करवाई गई इस शहीदी सभा के अंतर्गत विभिन्न प्रतियोगिताएं भी करवाई गई। वरिष्ठ उपप्रधान सुदर्शन सिंह सहगल ने बताया कि आज करवाई गई तीरांदाजी एवं निशानेबाजी प्रतियोगिता में अलग-अलग स्कूलों के विद्यार्थियों ने भाग लिया।
इसके साथ सिख इतिहास कलरिंग एवं पेटिंग प्रतिस्पर्धा भी करवाई, जिसमें प्रतिभागियों ने अपनी प्रतिभा के जौहर दिखा कर संगत की वाहवाही लूटी। इतना ही नहीं, शहीदी इतिहास पर कविता, रस्सी कूद, ट्राई साइकिल रेस, धीमी गति साइकिल रेस तथा रस्सी खींचना प्रतियोगिता भी हुई।
उन्होंने बताया कि टाई साइकिल रेस में सात साल तक के बच्चें, धीमी गति साइकिल रेस में 10 से 13 साल के बच्चें और रस्सी खींचने की प्रतियोगिता में 16 साल तक के बच्चें आठ सदस्यीय टीम के रूप में भाग लिया। इसके साथ ही रस्सी कूद में 14 साल तक की लड़कियों ने भी भाग लिया।
धार्मिक मुकबले करवाने का उद्देश्य बच्चों को गुरमत ज्ञान देना है – कार्यकारिणी समिति मैंबर टीपी सिंह
कार्यकारिणी समिति मैंबर टीपी सिंह ने बताया कि 25 दिसंबर को दुमाला सजाने का मुकाबला और बाणी, श्लोक मल्ला नौवां एवं शबद (नौवी पातशाही) पर गुरबाणी कंठ मुकाबले होंगे। इस प्रतियोगिता में पांच से आठ साल तक के बच्चे पहले 10 श्लोक तथा एक शबद, 9 से 15 साल तक के बच्चें पहले 25 श्लोक एवं दो शबद, 16 से 25 साल तक के विद्यार्थी 57 श्लोक, चार शबद एवं तव प्रसाद सवेयो तक की प्रतियोगिता होगी।
इसके अलावा गतका प्रदर्शन, सिखी स्वरूप मेरा असली रूप तथा प्रश्रोत्तरी भी करवाई जाएगी। यही नहीं, अवार्ड बैस्ट अभिभावक प्रतियोगिता भी होगी। उनके मुताबिक विजेता प्रतिभागियों को पारितोषिक भी दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि धार्मिक मुकबलें करवाने का उद्देश्य बच्चों को गुरमत ज्ञान देना है, जबकि खेल गतिविधियों को करवाने का मकसद शारीरिक रूप से सुढृढ बनाना है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमैंट कमेटी द्वारा यह गतिविधियां करवाई गई है।
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