Martyr Major Ashish Dhaunchak Panipat : शहीद हुए पानीपत के लाल मेजर आशीष धौंचक के निवास पहुंचकर विधायक प्रमोद विज ने शोक संवेदना व्यक्त की 

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Martyr Major Ashish Dhaunchak Panipat
परिजनों को सांत्वना देते विधायक प्रमोद विज

Aaj Samaj (आज समाज),Martyr Major Ashish Dhaunchak Panipat, पानीपत : जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए पानीपत के लाल मेजर आशीष धौंचक के निवास पहुंचकर विधायक प्रमोद विज ने शोक संवेदना व्यक्त की एवं परिजनों को ढांढस बंधाया। बोले वीर शहीद मेजर का ये अमर बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। दुःख की इस कठोर घड़ी में हम सभी पानीपत वासी परिजनों के साथ है। उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में बुधवार को आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर आशीष धौंचक पानीपत के रहने वाले थे। शहादत की खबर मिलने के बाद अफसर के घर मातम है। मेजर आशीष 2 साल की बेटी वामिनी के पिता थे। उनकी पत्नी ज्योति भी गृहिणी है। उनका परिवार अभी सेक्टर 7 में किराए के मकान में रहता है। मेजर का सपना था कि अपने खुद के घर में रहें। इसके लिए उन्होंने टीडीआई सिटी में अपना नया घर बनवाया था।

15 अगस्त को उनकी बहादुरी के लिए सेना मेडल दिया गया था

उनके मामा महावीर ने बताया कि 3 दिन पहले आशीष से फोन पर बात हुई। अगले महीने 23 अक्टूबर को आशीष छुट्टी लेकर टीडीआई में बन रहे नए मकान में गृह प्रवेश के लिए आने वाले थे। हालांकि इससे पहले ही आतंकियों के सर्च ऑपरेशन के दौरान शहीद हो गए। पानीपत के मेजर आशीष ने केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाई की। 25 साल की उम्र में 2012 में भारतीय सेना में बतौर लेफ्टिनेंट भर्ती हुए थे। 2018 में प्रमोट होकर मेजर बन गए। ढाई साल पहले उन्हें मेरठ से राजौरी में पोस्टिंग मिली। मेजर आशीष को इसी साल 15 अगस्त को उनकी बहादुरी के लिए सेना मेडल दिया गया था। 15 अगस्त, 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें ये मेडल दिया था। मेजर आशीष भी 19 राष्ट्रीय राइफल्स के सिख लाइट इन्फेंट्री में तैनात थे। मेजर आशीष 3 बहनों के इकलौते भाई थे। उनकी तीनों बहनें अंजू, सुमन और ममता शादीशुदा हैं। उनकी मां कमला गृहणी और पिता लालचंद एनएफएल से सेवामुक्त हुए हैं।