भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा द्वारा बाबैन के आलीशान पैलेस में मनाया गया चंद्रशेखर आजाद का बलिदान दिवस Martyr Chandrashekhar Azad
इशिका ठाकुर, कुरुक्षेत्र:
Martyr Chandrashekhar Azad: अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद का बलिदान दिवस बाबैन के अलीशान पैलेस में मनाया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर हरियाणा भाजपा के प्रदेश महामंत्री डॉ पवन सैनी व विशिष्ट अतिथि के तौर पर हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के पूर्व चेयरमैन व बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के हरियाणा प्रदेश के संयोजक भारत भूषण भारती ने शिरकत की।
बलिदानी मिट्टी से कार्यकर्ताओं का किया तिलक Martyr Chandrashekhar Azad
भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में चंद्रशेखर आजाद पार्क प्रयागराज से लाएगी बलिदानी मिट्टी से कार्यकर्ताओं का तिलक किया गया। कार्यक्रम में लाडवा विधानसभा से भारी संख्या में कार्यकर्ताओं ने भाग लिया पूरा पंडाल वंदे मातरम के जयकारों से गूंज उठा।
हरियाणा भाजपा के प्रदेश महामंत्री वह लाडवा से पूर्व विधायक डॉ पवन सैनी ने अपना भाषण ‘शहीदों के चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा’ से शुरू किया। उन्होंने कहा कि देश को आज़ाद करवाने में असंख्य लोगों ने कुर्बानी दी है और इस आज़ादी की रक्षा करना हम सबका दायित्व है।
युवाओं को देश की एकता और अखंडता के लिए कार्य करने की आवश्यकता Martyr Chandrashekhar Azad
आज युवाओं को बलिदान की नहीं बल्कि देश की एकता और अखंडता के लिए कार्य करने की
आवश्यकता है। उन्होंने आह्वान किया कि बच्चों में यह भावना जागृत करें कि देश सबसे पहले है और बाकी बाद में।जिन्होंने देश को आज़ादी दिलवाने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया और हसते-हसते फांसी के फंदे पर झूल गए।
शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्र शेखर आज़ाद, अशफाक उल्ला खान, मदन लाल ढींगरा जैसे असंख्य वीरों ने अपने जीवन की कुर्बानी दी ताकि हम सब आज़ादी की खुली हवा में सांस ले सकें।शहीद चंद्र शेखर आज़ाद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि चंद्र शेखर आज़ाद एक अति गरीब परिवार में पैदा हुए और केवल 13 साल की आयु में स्वतंत्रता आंदोलन में महात्मा गांधी जी से जुड़ गए। उन्होंने कभी भी गलत चीज को स्वीकार नहीं किया।
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शहीद चंद्र शेखर आज़ाद में स्वाभिमान कूट-कूट कर भरा था Martyr Chandrashekhar Azad
प्रदेश महामंत्री डॉ पवन सैनी ने कहा आज ही के दिन 27 फरवरी 1931 को जब उन्हें ब्रिटिश सैनिकों ने घेर लिया और जब उनसे लड़ते-लड़ते चंद्र शेखर आज़ाद के पास केवल एक गोली बची तो उन्होंने अंग्रेज़ों की गोली से मरने की बजाए अपने आप को गोली मार ली।
इससे पता चलता है कि शहीद चंद्र शेखर आज़ाद में स्वाभिमान कूट-कूट कर भरा था। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक अमर शहीद चंद्रशेखर आज़ाद जी की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि। वे केवल नाम से ही नही, विचारों से भी आजाद थे। युवाशक्ति में राष्ट्र आराधना की अलख जगाने वाले मां भारती के इस वीर सपूत पर देश को हमेशा गर्व रहेगा।
शहीदों की बदौलत खुली हवा में ले रहे सांस Martyr Chandrashekhar Azad
प्रदेश महामंत्री डॉ पवन सैनी ने कहा कि कुछ दिन पहले उन्होंने प्रदेश के ओजस्वी प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के साथ प्रयागराज में बने पार्क में चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा को और उस मिट्टी को नमन किया था वही से वह मिट्टी लेकर आए थे कि सभी कार्यकर्ता उस बलिदानी मिट्टी को नमन कर सके।
बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक भारत भूषण भारती ने किसान मोर्चा के सदस्यों को सफल कार्यक्रम की बधाई देते हुए कहा कि शहीदों ने हमें खुली हवा में सांस लेने के लिए जीवन निछावर कर दिया। इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष जसविंदर जस्सी, पिपली मंडल अध्यक्ष देशराज शर्मा, किसान मोर्चा से भीम सिंह बेरथला, सूर्या सैनी, कपिल, सरपंच गुरु दत्त शर्मा, जिला परिषद की सदस्य रीना सैनी, सतवीर मंगोली , रवि मथाना, बीरू सिंह सहित भारी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।