Marriage without dowry : बिना दहेज की शादी बनी चर्चा का विषय

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बिना दहेज की शादी बनी चर्चा का विषय
बिना दहेज की शादी बनी चर्चा का विषय
  • शादियों के इस सीजऩ में एक अनोखी पहल, बिना दहेल लिए की शादी

Aaj Samaj (आज समाज), Marriage without dowry, मनोज वर्मा, कैथल:
कैथल जिले के गांव मानस निवासी एक युवा ने बिना दहेज लिए शादी कर इंसानियत की एक अनूठी मिसाल पेश की है। जानकारी अनुसार सचिन गिल निवासी गांव मानस जिला कैथल ने एक दूरदर्शी सोच के चलते अपनी शादी के समय दहेज की स्वीकृति को दृढ़ता से अस्वीकार करक े एक प्रेरणादायक मिसाल कायम की है।

आज के समय में उनका यह निर्णय समानता, सशक्तिकरण और एक सदियों पुराने सामाजिक मानदंड के उन्मूलन के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। जिसने लंबे समय से वैवाहिक परंपराओं को प्रभावित किया है। सामाजिक परिवर्तन के अग्रदूत सचिन गिल का मानना है कि विवाह जैसे पवित्र बंधन को भौतिक संपत्ति के बजाय आपसी सम्मान, समझ और साझा मूल्यों पर आधारित होनी चाहिए।

किसी भी दहेज की पेशकश को सिरे से अस्वीकार करके, उनका लक्ष्य हमारे समाज के भीतर विवाह को लेकर प्रचलित मानसिकता को चुनौती देना और नया आकार देना है। यह अभूतपूर्व निर्णय अधिक समावेशी और समतावादी वातावरण को बढ़ावा देने के लिए सचिन के समर्पण को दर्शाता है। यह एक शक्तिशाली संदेश भी भेजता है कि रिश्तों को प्यार और सौहार्द की नींव पर बनाया जाना चाहिए। बजाय पुराने रीति-रिवाजों को बनाए रखने के। जो वित्तीय बोझ में योगदान कर सकते हैं और लिंग आधारित असमानताओं को मजबूत कर सकते हैं। सचिन दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है और विवाह के प्रति अधिक प्रगतिशील और न्यायसंगत दृष्टिकोण की ओर सामूहिक बदलाव का आग्रह किया है।

उसका यह मानना है कि यह रुख एक ऐसे समाज के निर्माण के लिए चल रहे प्रयासों के अनुरूप है जो व्यक्तिगत योग्यता, साझा जिम्मेदारियों और प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा के सम्मान को महत्व देता है। वहीं दूसरी तरफ दहेज को अस्वीकार करने का निर्णय हानिकारक परंपराओं को खत्म करने और निष्पक्षता और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को बढ़ावा देने की दिशा में एक सराहनीय कदम है। सचिन को उम्मीद है कि उनकी पसंद बातचीत को प्रेरित करेगी और सकारात्मक बदलाव की दिशा में काम करने वाले व्यापक सामाजिक आंदोलन में योगदान देगी।

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