Maritime India Summit 2023: पीएम मोदी ने किया वैश्विक समुद्री भारत शिखर सम्मेलन का उद्घाटन

0
272
Maritime India Summit 2023
पीएम मोदी ने किया वैश्विक समुद्री भारत शिखर सम्मेलन का उद्घाटन

Aaj Samaj (आज समाज), Maritime India Summit 2023, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वैश्विक समुद्री भारत शिखर सम्मेलन-ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट 2023 (जीएमआईएस) के तीसरे संस्करण का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम मुंबई के एमएमआरडीए मैदान में आयोजित किया जा रहा है और तीन दिन चलेगा। जीएमआईएस के शुभारंभ पर पीएम ने भारतीय समुद्री अर्थव्यवस्था के लिए दीर्घकालिक रूपरेखा ‘अमृत काल विजन 2047’ भी पेश किया, जो बंदरगाह सुविधाएं व टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देने और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को सुविधाजनक बनाने के मकसद से रणनीतिक पहल का उल्लेख करता है।

भारत की पहल पर उठाया गया है अहम कदम

प्रधामनंत्री ने कहा, इस बात का इतिहास गवाह है कि जब भी भारत की मैरीटाइम क्षमता मजबूत रही है, देश व दुनिया को इससे काफी फायदा हुआ है। उन्होंने कहा, इसी सोच के साथ पिछले 9 वर्ष से हम इस क्षेत्र को सशक्त करने के मकसद से योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहे हैं। पीएम ने बताया कि हाल ही में भारत की पहल पर एक ऐसा कदम उठाया गया है, जो 21वीं सदी में दुनिया भर की मैरीटाइम इंडस्ट्री के कायाकल्प का सामर्थ्य रखता है।

ऐतिहासिक कॉरिडोर बदलेगा तस्वीर

मोदी ने कहा कि जी20 समिट के दौरान इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर पर ऐतिहासिक सहमति बनी है। उन्होंने कहा कि सैंकड़ों वर्ष पहले सिल्क रूट ने वैश्विक व्यापार को गति दी थी और यह दुनिया के कईं देशों के विकास का आधार बना था। अब ये ऐतिहासिक कॉरिडोर भी क्षेत्रीय और वैश्विक व्यापार की तस्वीर बदल देगा।

5 वर्षों में विकसित होने के लक्ष्य पर काम

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का भारत अगले 25 वर्षों में विकसित होने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा, हम हर क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलावा ला रहे हैं। पीएम ने कहा, हमने मैरीटाइम इंफ्रास्ट्रक्चर के पूरे इकोसिस्टम को मजबूत करने के मकसद से लगातार काम किया है। उन्होंने समिट में शामिल प्रतिनिधियों से कहा, मैं जीएमआईएस-2023 के तीसरे संस्करण में आप सभी का स्वागत करता हूं। आज एक नई विश्व व्यवस्था आकार ले रही है और इस बदलती विश्व व्यवस्था में दुनिया नई आकांक्षाओं के साथ भारत की ओर देख रही है।

यह भी पढ़ें :

Same Sex Marriage Case: समलैंगिक विवाह को मान्यता देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

Connect With Us: Twitter Facebook