Aaj Samaj (आज समाज), Maratha Reservation Dispute, मुंबई: मराठा आरक्षण को लेकर हिंसक होते विरोध प्रदर्शन के बीच महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार के दो सांसदों और एक विधायक ने मंगलवार को अपना इस्तीफा दे दिया। बता दें कि हिंगोली से शिवसेना (शिंदे गुट) के सांसद हेमंत पाटिल कोटे की मांग पर इस्तीफा देने वाले पहले व्यक्ति थे। हाल ही में, राज्य विधानसभा में नासिक से एक और सांसद हेमंत गोडसे और वैजापुर से विधायक रमेश बोरनारे ने भी मराठा हित के लिए अपना इस्तीफा दे दिया है।
मंगलवार को भी जारी रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन
इस मुद्दे पर इस्तीफा देने वाले दो अन्य विधायक परभणी से कांग्रेस के सुरेश वारपुडकर और गेवराई से भाजपा के लक्ष्मण पवार हैं। उधर मराठा आरक्षण की मांग को लेकर महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों में मंगलवार को भी एक ओर जहां हिंसक विरोध प्रदर्शन जारी रहे वहीं मराठवाड़ा के जालना जिले के गांव अंतरवाली-सरती में, आंदोलन का नेतृत्व करने वाले मनोज जारंगे पाटिल ने अपना अनशन जारी रखा।
सरकार को और समय देने के लिए तैयार नहीं जारंगे पाटिल
वह मराठों को पूर्ण आरक्षण की अपनी मांग पर एकनाथ शिंदे सरकार को और समय देने के लिए तैयार नहीं हैं। जारंगे पाटिल ने फोन पर बातचीत में शिंदे से स्पष्ट रूप से कहा कि उनके लोग आधे-अधूरे मन से आरक्षण स्वीकार नहीं करेंगे। मराठा आरक्षण मुद्दे पर बीड में गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने विधायक प्रकाश सोलंके और संदीप किश्रसागर समेत अन्य राकांपा नेताओं के घरों में आगजनी की। प्रदर्शनकारियों ने दोनों नेताओं के घरों के बाहर खड़े वाहनों को भी आग लगा दी।
गृह मंत्री और उपमुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग
एनसीपी (शरद पवार) गुट की कार्यकारी अध्यक्ष सांसद सुप्रिया सुले ने गृह मंत्री और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के इस्तीफे की मांग की है। उनका मानना है कि हालात शिंदे सरकार के नियंत्रण से बाहर हो गए हैं। पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने भी इस मुद्दे पर गंभीर न होने के लिए एकनाथ शिंदे की आलोचना की। उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री ने सोमवार को मराठा आरक्षण उप-समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई, तो एक उपमुख्यमंत्री स्वास्थ्य मुद्दे का हवाला देकर अनुपस्थित रहे, जबकि दूसरे उपमुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी के लिए प्रचार करने के लिए चुनाव वाले राज्य में जाना पसंद किया।
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