पाकिस्तान बार्डर के पास फिरोजपुर-पत्ती रेललाइन के लिए अब तक जगह नहीं मिली
Punjab News (रोहित रोहिला), चंडीगढ़। अकसर केंद्र सरकार द्वारा देश के विभिन्न राज्यों में कई परियोजनाएं शुरू की जाती है। लेकिन कई बार यह परियोजनाएं अटक भी जाती है। पंजाब में भूमि विवादों के चलते हाईवे परियोजनाएं ही नहीं, बल्कि अहम रेल परियोजनाएं भी प्रभावित हो रही हैं।
वर्ष 2013 में हरी झंडी मिलने के बावजूद केंद्र सरकार को पाकिस्तान बार्डर के पास फिरोजपुर-पत्ती रेललाइन के लिए अब तक जगह नहीं मिल पाई है। इस कारण परियोजना का काम लटक गया है। इसी तरह मोहाली-राजपुरा नई लाइन पर भी ब्रेक लग गए हैं। 84 किलोमीटर की नंगल डैम-तलवाड़ा परियोजना के लिए 120 में से सिर्फ 38 हेक्टेयर भूमि का ही अधिग्रहण हो पाया है।
सबसे महत्वपूर्ण है यह रेल परियोजना
केंद्र के अनुसार पाकिस्तान के साथ लगते अंतरराष्टÑीय बार्डर के पास फिरोजपुर-पत्ती नई रेल सबसे महत्वपूर्ण परियोजना है, जिसके लिए पंजाब सरकार ने फ्री आफ कास्ट भूमि देनी थी। फिरोजपुर और तरनतारन में परियोजना के लिए 166 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। मार्च 2023 में मुआवजा राशि जारी करने के लिए नोटिस जारी किया गया, लेकिन अभी तक इसकी प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी। इस कारण प्रोजेक्ट पर काम शुरू नहीं हो पा रहा है। इसी तरह धूरी जंक्शन को बाइपास करने वाली अलल-हिमताना के बीच लाइन के लिए भी 20 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण का काम पूरा नहीं हो पाया है।
तीन राज्यों के बीच अहम कड़ी साबित होगी
नंगल डैम-तलवाड़ा लाइन तीन राज्यों के बीच अहम कड़ी साबित होनी है, जिससे पंजाब सहित हिमाचल और जम्मू तक ट्रेन का संचालन होगा। इससे पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिलना है, लेकिन इस परियोजना पर भी फिलहाल धीमी गति से काम चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2016 में तब की पंजाब व हिमाचल की सरकारों को जमीनी स्तर पर जरूरी सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए थे, ताकि इस परियोजना में आगे और देरी न हो।
12 परियोजनाओं पर चल रहा है काम
केंद्र ने स्पष्ट किया है कि किसी भी रेलवे परियोजना का पूरी होना विभिन्न कारणों पर निर्भर करता है, जिसमें शीघ्र भूमि अधिग्रहण, कानून-व्यवस्था, वन विभाग से स्वीकृति और भूमि को अतिक्रमण मुक्त करना प्रमुख है। पंजाब में 12 रेल परियोजनाओं पर काम चल रहा, जिसमें 6 नई व 6 डबल लाइन हैं। इनमें 19843 करोड़ की लागत से 1157 किलोमीटर की ये परियोजनाएं हैं। मार्च 2024 तक 255 किलोमीटर लाइन का काम पूरा हो गया। जिस पर 7590 करोड़ खर्च हुए हैं।
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