चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा के नेतृत्व में सेंकडों कार्यकर्ताओं ने सेक्टर 34 से बीजेपी कार्यालय की ओर कूच किया। जहां पुलिस द्वारा बेरिकेड्स लगा कर रोका। छाबड़ा ने कहा कि यूपी के हाथरस में दलित बेटी के साथ हुए घिनोने अपराध के खिलाफ पीड़ित परिवार के साथ मिलने जा रहे कांग्रेस के नेता राहुल गांधी व प्रियंका गांधी के काफिले को कल यूपी पुलिस ने जबरन रोका उसके बाबजूद दोनों नेता पैदल चल पड़े। योगी सरकार की पुलिस ने उनके साथ धक्कामुक्की की व गिरा दिया ओर उन्हें व सभी नेताओं व कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। छाबड़ा ने मुख्यमंत्री अजय सिंह बिष्ट उर्फ योगी आदित्यनाथ पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि पहले पीड़िता की सुनवाई नही होती, खबर को फेक बताया जाता है, फिर बिना पीड़ित के परिवार के सहमति के बिना व उसके परिवार को घर मे बंद कर पीड़ित का आनन फानन में रात को संस्कार कर दिया जाता है। गांव को सील कर दिया गया मीडिया से परिवार मिलना चाहता है वो भी बैन कर दिया क्यों? क्या यूपी में जंगलराज है आखिर योगी सरकार क्या छुपाना चाहती है। पीड़िता के परिवार का एक बच्चा घर से किसी तरह खेतों से भागता हुआ मीडिया के पास बचकर आकर कहता है कि उसका परिवार मीडिया से बात करना चाहता है. उसके परिवार के सदस्यों को चुप रहने के लिए पीटा जा रहा है, उनके फोन छीन लिए गए हैं और पूरे घर को पुलिस ने घेर रखा है योगी राज में ये यूपी में जंगलराज नही है तो क्या है! हमारे नेता राहुल गांधी व समस्त कांग्रेस हर महिला व असहाय के साथ डट के खड़ी है। मोदी और योगी सरकार ये ना भूले के राहुल गांधी इंदिरा गांधी के पोते व राजीव गांधी के बेटे है जिनका देश के लिए बलिदान का इतिहास है। कांग्रेस के किसी भी नेता व कार्यकर्ता को ना कोई डरा सकता है ना ही कोई दबा सकता है। प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा बल व वाटर कैनन का इस्तेमाल किया जिसमें छाबड़ा सहित प्रेमपाल चौहान, लव कुमार, विशाल अत्रि, प्रेमलता, पम्मी कई कार्यकर्ताओं को चोटें आई जिन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया जहां उनके टांके भी लगे। छाबड़ा ने शहर की सांसद किरण खेर, मेयर राजबाला मलिक, स्मृति ईरानी आदि को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हाथरस की बेटी के साथ घोर अन्याय व उत्तर प्रदेश में हो रही ऐसी अनगिनत घटनाओं पर ये चुप क्यों है। कहां इनकीं सवेदनाये? जनता पूछ रही है।