Manu Bhaker का दिल्ली पहुंचने पर हुआ जोरदार स्वागत

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Manu Bhaker का दिल्ली पहुंचने पर हुआ जोरदार स्वागत
Manu Bhaker का दिल्ली पहुंचने पर हुआ जोरदार स्वागत

Manu Bhaker | डाॅ.श्रीकृष्ण शर्मा | नई दिल्ली। भारत के लिए पेरिस ओलिंपिक में शूटिंग में दो कांस्य पदक जीत कर इतिहास रचने वाली निशानेबाज मनु भाकर भारत लौट आईं। भारी संख्या में उपस्थित लोंगों ने मनु के यहां दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचने पर फूल, मालाओं, ढोल और नगाडों से उनका जोरदार स्वागत किया। यहां मौजूद उनके माता-पिता ने गले लगाकर उनका माथा भी चूम लिया। मनु के माता-पिता ने कहा कि मनु ने दो पदक जीतकर जो उपलब्धि हासिल की है वह किसी भी माता-पिता के लिए गर्व की बात है।

साथ ही मनु की मां का कहना है कि मनु भाकर के प्रति जो लोगों का अत्यधिक प्रेम है। उसे देखकर अत्यंत प्रसन्न हूं। मनु के साथ उनके कोच जसपाल राणा का भी भव्य स्वागत किया गया। अपने देश लौटने पर मनु ने कहा कि मैं बेहद खुश हूं कि इतना प्यार मिल रहा है। इस दौरान मनु पेरिस ओलंपिक में जीते गए अपने दोनों ब्रॉन्ज मेडल भी दिखाती रहीं। इन ओलंपिक खेलों में मनु भाकर ने महिलाओं के 10 मीटर एयर पिस्टल मुकाबले में कांस्य पदक और 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड इवेंट में सरबजोत सिंह के साथ कांस्य पदक जीता है।

मनु के लिए 25 मीटर पिस्टल इवेंट में एक मौका पदक जीतने का और था। लेकिन वह संभव नहीं हो सका और फाइनल में चैथे स्थान पर रहीं। इसी के साथ उनके एक ही ओलंपिक खेलों में तीन पदक जीतकर हैट्रिक जडने की तमन्ना पूरी न हो सकी। 22 वर्षीया झज्जर निवासी मनु एक ही ओलिंपिक खेलों में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय हैं। इसके अलावा वह भारत की पहली महिला खिलाडी हैं जिन्होंने ओलंपिक खेलों में शूटिंग में मेडल जीता है। इन दो पदकों के साथ दो भारतीय इतिहास भी बनाए हैं मनु ने। ओलिंपिक के इतिहास में शूटिंग में भारत को मेडल दिलाने वाली मनु पहली महिला खिलाडी हैं।

माना जाता है कि मनु को इतनी उंचाईयों तक पहुंचाने और उनके आत्मविश्वास को बढाने में मनु की मां सुमेधा भाकर और पिता रामकिशन भाकर का बडा योगदान हैं, जिन्होंने तत्परता से बढकर इस खेल को छोडने का मन बना चुकी मनु को इस खेल से जोेडे रखा और और आज ओलंपिक खेलों में पदक विजेता पोडियम पर पहुंचाने में अहम भूमिका अदा की। पिछले टोक्यों ओलंपिक खेलों के क्वालिफाइंग राउंड में पिस्टल खराब हो जाने के कारण मनु फाइनल की रेस से बाहर हो गई थी। जिस वजह से उन्होंने इस खेल को छोडने का मन बना लिया था। लेकिन उनके माता पिता की सूझ बूझ ने एक बेहतरीन शूटर भारत को दे दिया। मनु पेरिस ओलिंपिक खेलों की क्लोजिंग सेरेमनी के लिए फिर पेरिस जाएंगी। क्योंकि वह इस अवसर पर भारत की ध्वजवाहक होंगी।

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