सिर्फ सांसदों और मंत्रियों से नहीं है कांग्रेस : कार्यकर्ता Manthan Meeting

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Manthan Meeting
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  • वर्करों की नाराजगी है कांग्रेस पार्टी की हार का कारण
  • अब किसी युवा चेहरे को ही बनाया जाए प्रदेश प्रधान

दिनेश मौदगिल, लुधियाना:
Manthan Meeting : पांच राज्यों में कांग्रेस पार्टी की हार के बाद कांग्रेस प्रधान सोनिया गांधी मंथन मीटिंगें कर रही हैं, जिसमें हाईकमान सदस्यों के अलावा सांसदों को शामिल किया जाता है। इन मीटिंगों में कांग्रेस की हार के विभिन्न कारणों पर विचारविमर्श किया गया। नेताओं और वर्करों का कहना है कि क्या हाईकमान सांसदों और मंत्रियों को ही पार्टी समझता है? क्या सांसद और मंत्री ही कांग्रेस पार्टी हैं, जबकि पार्टी तो वर्करों के साथ चलती है।

कुछ इस तरह छलका कांग्रेसियों का दर्द

हमने जब विभिन्न शहरों में  पुराने कांग्रेसियों के साथ बात की तो इन बातों में कांग्रेसियों का दर्द झलकता दिखाई दिया कि कांग्रेस की हार के कई और कारण भी हैं। पंजाब लार्ज इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बोर्ड के पूर्व चेयरमैन पवन दीवान ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को ट्वीट कर कहा है कि कांग्रेस तभी मजबूत होगी, जब बाड़मेर के ठग जैसे व्यक्तियों से कांग्रेस को मुक्ति मिलेगी। पंजाब प्रदेश कांग्रेस सेवा दल के महासचिव प्रिंसिपल संदीप सरीन (अमृतसर) ने कहा कि वह जन्म से कांग्रेसी हैं और 1980 से एक्टिव पालीटिक्स में हैं और  संगठन के उन्हें पद भी मिलते रहे हैं।

पैराशूट कैंडीडेट बिगाड़ रहे माहौल

जब कांग्रेस पार्टी चुनावों में पैराशूट कैंडीडेट उतार देती है, तभी कांग्रेस पार्टी को नुकसान होता है। ऐसे पैराशूट कैंडीडेट्स ने ही कांग्रेस पार्टी को नुकसान दिया है।  अमृतसर में ऐसे हालात देखे जा सकते हैं जो सत्ता परिवर्तन के बाद  ऐसे लोग दूसरी पार्टियों में चले जाते हैं।  पार्टी को  ऐसे लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए। प्रिंसिपल सरीन ने कहा कि पंजाब कांग्रेस का प्रधान ऐसा होना चाहिए जो कांग्रेस के कल्चर और नीतियों को जानता हो। गैर संगठन के प्रधान लगाने के कारण कांग्रेस कमजोर होती है।

कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को मिलना चाहिए उनका हक

42 सालों से कांग्रेस के साथ चल रहे लुधियाना जिला कांग्रेस कमेटी के उपप्रधान विपन विनायक ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने उन्हें बनता हक नहीं दिया, जबकि उन्होंने अपने वार्ड में अकाली दल के  लगातार चल रहे राज्य को पछाड़ते हुए विजय हासिल की थी। विनायक ने कहा कि सबसे पहले हाईकमान प्रदेश प्रधान की नियुक्ति करें और जिला स्तर पर टीमें बनाकर वर्करों को बनता मान सम्मान दें और पार्टी  युवा नेता राजा वडिंग जैसे नेता को प्रधान नियुक्त करें। जो गुटबाजी से हटकर सबको साथ लेकर चल सके।

नेताओं की आपसी लड़ाई ले डूबी

1977 से कांग्रेस पार्टी में कार्य कर रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता रमेश जोशी ने कहा कि विधानसभा चुनावों में नवजोत सिंह सिद्धू, चरणजीत सिंह चन्नी और सुनील जाखड़ की लड़ाई के कारण पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। वही ऊपर वाली लीडरशिप को सिर्फ सांसद और मंत्री ही पार्टी लगते हैं , जबकि पार्टी तो वर्करों के साथ चलती है। उन्होंने कहा कि जब तक हाईकमान नीचले वर्करों को ऊपर उठाने की कोशिश नहीं करेगी, तब तक पार्टी मजबूत नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि चुनावों के समय पार्टी पुराने पार्टी नेताओं को नजरअंदाज कर देती है। जोशी ने कहा कि अब पंजाब में कोई युवा चेहरा प्रधान बनना चाहिए और निचले स्तर के वर्करों को डिस्ट्रिक्ट में एडजस्ट करना चाहिए, तभी कांग्रेसी वर्करों में उत्साह बढ़ेगा। वर्करों की नाराजगी कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा कारण है।

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