Aaj Samaj (आज समाज), Mansukh Mandaviya, नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि भारत नकली दवाओं के मामले में जीरो टॉलरेंस यानी बर्दाश्त नहीं करने की नीति का पालन करता है। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि भारत निर्मित खांसी के सीरप से कथित मौतों के बाद सरकार ने 71 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और उनमें से 18 को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। इसी के साथ भारत ने इसी माह एक जून से निर्यात किए जाने से पहले खांसी के सीरप के लिए परीक्षण अनिवार्य कर दिया है।

  • गुणवत्तापूर्ण दवाओं का उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए लगातार व्यापक विश्लेषण

हम विश्व की फार्मेसी : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री

मांडविया ने कहा कि देश में गुणवत्तापूर्ण दवाओं का उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए लगातार व्यापक विश्लेषण किया जाता है और सरकार व नियामक हमेशा यह सुनिश्चित करने के लिए अलर्अ रहते हैं कि नकली दवाओं के कारण किसी की मौत न हो। उन्होंने कहा, हम विश्व की फार्मेसी हैं और सभी को हम आश्वस्त करना चाहते हैं कि हम दुनिया की गुणवत्ता वाली फार्मेसी हैं।

गाम्बिया और उज्बेकिस्तान में बच्चों की मौतें होने का लगा था आरोप

गौरतलब है कि पिछले साल खांसी रोकने के लिए भारत में निर्मित सीरप से गाम्बिया और उज्बेकिस्तान में क्रमश: 66 और 18 बच्चों की मौत होने का आरोप लगा था। मांडविया ने कहा, जब भी भारतीय दवाओं के बारे में कुछ सवाल उठाए जाते हैं तो हमें तथ्यों में शामिल होने की जरूरी होती है। उदाहरण के लिए गाम्बिया में कहा गया था कि 49 बच्चों की मौत हुई है। डब्ल्यूएचओ में किसी ने यह कहा था और हमने उन्हें लिखा था कि तथ्य क्या हैं? कोई भी हमारे पास तथ्यों के साथ नहीं आया।

कंपनी के नमूनों की जांच कर मौत की वजह जानने की कोशिश

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, हमने एक कंपनी के नमूनों की जांच कर मौत की वजह जानने की कोशिश की और पाया कि बच्चे को दस्त थे। यदि किसी बच्चे को दस्त हुआ तो उस बच्चे के लिए कफ सीरप की सलाह किसने दी? उन्होंने कहा कि कुल 24 नमूने लिए गए, जिनमें से चार विफल रहे।

यह भी पढ़ें :  

Connect With Us: Twitter Facebook