Manohar Sarkar के 9 साल, प्रदेश के इतिहास में स्वर्णिम रहे : जगमोहन आनंद

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मुख्यमंत्री मनोहर लाल
मुख्यमंत्री मनोहर लाल
Aaj Samaj (आज समाज),Manohar Sarkar, करनाल,26 अक्टूबर, इशिका ठाकुर :
आने वाली 26 अक्तूबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा सरकार के 9 वर्ष पूरे होंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा सरकार ने किस प्रकार जन कल्याण के कार्य किये है इस पर चर्चा करते हुए  मुख्यमंत्री के मीडिया कोऑर्डिनेटर जगमोहन आनंद ने कहा कि इस 9 वर्ष के कार्यकाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अंत्योदय के भाव से हर जन का कल्याण किया है।
इन नौ सालों में हरियाणा के हर जिले में जहां समान विकास हुआ वहीं पर पारदर्शी व भयमुक्त शासन और योग्यता के आधार पर नौकरियां देकर मुख्यमंत्री जी ने मिसाल कायम की है। हरियाणा में भाजपा की सरकार बनने से पहले हरियाणा हर क्षेत्र में पिछडा हुआ था। हर तरफ भ्रष्टाचार और भेदभाव का बोलबाला था। चहेतों को नौकरियां और सरकारी सुविधाएं दी जा रही थी। जनता की तरफ किसी का ध्यान नहीं था लेकिन भाजपा के 9 सालों के शासन के बाद स्थिति पूरी तरह से बदल गई है। जनता को जहां घर बैठे सभी सुविधाएं मिल रही हैं वहीं पर किसानों, युवाओं, महिलाओं, कर्मचारियों के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण सौगात दी हैं।

भावांतर योजना रही किसानों के लिए वरदान: जगमोहन

मीडिया कॉर्डिनेटर जगमोहन आनंद ने कहा कि मूल्य के उतार-चढ़ाव के कारण किसान की फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पाता था। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भावांतर भरपाई योजना बनाई। इस योजना के अंतर्गत अभी तक 2.30 लाख किसानों को 280 करोड़ रुपये सीधे खाते में भेजे जा चुके हैं। प्राकृतिक खेती के लिए राज्य सरकार ने 24.10 करोड़ रुपये लागत की प्राकृतिक खेती योजना लागू की है। इसके अतिरिक्त किसानों की जरुरत के मुताबिक योजनाओं को बनाने के लिए मेरी फसल मेरा पोर्टल शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसी अनेकों योजना बनाई गई हैं। वहीं सरकार ने किसानों के हित में फैसला लेते हुए सितंबर माह में खरीफ फसलों की खरीद शुरू की। सरकार ने पुलिस कर्मचारियों के हित में फैसला लेते हुए विभिन्न भत्तों में अढाई गुणा बढ़ोतरी की।

बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने को लेकर सरकार कृतसंकल्प

मीडिया कॉर्डिनेटर जगमोहन आनंद ने कहा कि मेडिकल सुविधाओं के सुदृढिकरण के लिए हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की है। इससे प्रदेश में एमबीबीएस की सीटें करीब 3 हजार हो जाएंगी। इसके अतिरिक्त चिरायु योजना के अंतर्गत 5 लाख रुपये तक के ईलाज का खर्च की मुफ्त सुविधा दी जा रही है।
मीडिया कॉर्डिनेटर जगमोहन आनंद ने कहा कि आज बुढ़ापा पेंशन घर बैठे बन रही हैं। इसके अतिरिक्त अनेकों योजनाओं के लिए आमजन को सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे लेकिन अब सीधे एक क्लिक से योजनाओं का लाभ मिल रहा है।

अंतिम छोर तक पहुंच रही विकास योजनाएं

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेृतत्व में भाजपा सरकार ने बीते नौ सालों में सडकों, पीने का पानी, सीवरेज, ग्रामीण क्षेत्र का चहुंमुखी विकास, गरीबों की जरूरतों को पूरा करने के साथ.साथ हर वर्ग के लिए जनकल्याणकारी नीतियां लागू की और इन नीतियों का 100 फीसदी लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा है। इन 9 सालों में सरकार केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने तक सीमित नहीं है अपितु प्रदेश के हैप्पीनेस इंडेक्स को आगे बढाने के लक्ष्य के साथ ईज आफ लिविंग की दिशा में निरंतर काम किया है। इससे आने वाला हरियाणा 21वीं सदी का विकसित प्रदेश होगा।

बिना किसी अडचन के सीधे खाते में पहुंच रही पैंशन

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने बुजुर्गों व अन्य पेंशन धारकों की टेंशन समाप्त करने के लिए खातों में सीधी पेंशन जमा करवाने का काम किया। प्रदेश में सर्वाधिक 2750 रुपए मासिक सुरक्षा पेंशन देने का काम किया। सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि में बढोतरी महंगाई के अनुसार करने का फैसला लिया। बुढ़ापा व दिव्यांग पेंशन को पहचान पत्र के साथ जोड़ा गया। अब तक 1 लाख 7 हजार से ज्यादा व 13 हजार से ज्यादा दिव्यांगों की पेंशन घर बैठे शुरू की गई। इतना ही नहीं बुढ़ापा पेंशन के लिए आय की पात्रता सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 3 लाख की गई।

युवाओं के सपनों को पूरा कर रही है सरकार

मुख्यमंत्री के मीडिया कोर्डिनेटर ने कहा कि हरियाणा में सम्पत्ति हस्तांतरण की प्रक्रिया को आसान किया और रजिस्ट्रीकरण एक्ट 1908 के अंतर्गत बदलाव किया तथा धारा 17 व 18 के तहत सब डिविजन को उपजिला के रूप में गठित किया। सरकार ने अपने कार्यकाल में जल आपूर्ति में सुधार के प्रयासों के लिए एक बेहतरीन पहल की है। प्रदेश में युवाओं को रोजगार के अवसर देने के लिए वर्ष 2014 से 2023 तक प्रदेश में 1 लाख 10 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां दी। जहां सरकारी नौकरियों में पर्ची और खर्ची प्रणाली को समाप्त किया और निजी क्षेत्रों में भी युवाओं को रोजगार देने के लिए कौशल विकास जैसी योजनाओं को अमलीजामा पहनाया। खेलों के क्षेत्र में भी सरकार ने ओलंपिक में मेडल जीतने पर स्वर्ण पदक को 6 करोड़, रजत को 4 करोड़ और कांस्य को अढाई करोड़ तथा एशियन गेम्स में स्वर्ण मेडल जीतने पर 3 करोड़, रजत पदक 1 करोड़ 50 लाख और कांस्य पदक जीतने पर 75 लाख रुपए की राशि देकर खेलों के मैदान तक पहुंचने के लिए प्रेरित किया है।