प्रवीण वालिया, करनाल:
मन चंगा तो कठौती में गंगा। संत रविदास के इस कथन में जीवन का सार छिपा है। अर्थ यह है कि यदि मन साफ न हो तो दिखावे से कुछ नहीं होता। यदि अंत:करण शुद्ध हो, मन निष्पाप हो तो गंगा स्नान जैसी भावना का लाभ आप कठौती में भी ले सकते हैं।
संत रविदास जी के मंदिर में उनकी प्रतिमा के आगे लिखा उनका यह प्रसिद्ध सूत्र वाक्य मन में सकारात्मक तरंगें पैदा करता है। संत रविदास समेत उनकी पंक्ति के सभी संत-महापुरुषों का स्मरण करते ही उनकी वाणी याद आ जाती है। यह बात हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष एवं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने संत रविदास मंदिर परिसर, जुंडला में मंदिर कमेटी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कही।
डॉ. चौहान ने कहा कि संत शिरोमणि गुरु रविदास जी महाराज की वाणी के जुंडला स्थित इस प्रकाश स्थल के पवित्र परिसर में आकर मैं स्वयं को धन्य महसूस कर रहा हूं। मंदिर के आध्यात्मिक माहौल के अलावा मुझे यहां की सफाई व्यवस्था ने भी बहुत ज्यादा प्रभावित किया है। कई बड़े मंदिरों में भी साफ-सफाई का उतना ध्यान नहीं रखा जाता, जितना यहां रखा जा रहा है।
डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सफाई की महत्ता को बखूबी समझा और इसीलिए उन्होंने आते ही इसे अन्य सभी कार्यों पर तरजीह देते हुए सबसे पहले गली-मोहल्लों से लेकर लाल किले तक देशभर में सफाई अभियान चलाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के गांवों में सड़कों की सफाई एवं उन्हें बेहतर बनाने के लिए जितना पैसा भाजपा की इस सरकार के दौरान मिला है, उतना पैसा पहले कभी नहीं मिला। प्रदेश की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने बिना भेदभाव के काम करके दिखाया है। विकास कार्यों के लिए बिना कोई भेदभाव किए सबसे ज्यादा धन अगर किसी ने दिया है तो इसी सरकार ने दिया है।
पहले विकास कार्यों के लिए धन या नौकरी का आवंटन इस आधार पर होता था कि लाभार्थी मुख्यमंत्री के जिले या जाति का है या नहीं। वर्ष 2014 के बाद से चोरी, डकैती और भ्रष्टाचार के अधिकतर दरवाजे बंद हो चुके हैं। मनोहर सरकार जाति और क्षेत्र के आधार पर नहीं, बल्कि एक हरियाणा, एक हरियाणवी के मंत्र पर काम कर रही है।
गुरु रविदास मंदिर कमेटी जुंडला की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम के संयोजकों में भाजपा कार्यकर्ता दिलबाग सिंह व रविंदर जैन सहित राजू नरवाल, आजाद सिंह, मंदिर के पाठी जगदीश, पृथ्वी, राय सिंह, सतपाल, देवेन्द्र और नरेश पौडिया शामिल थे। इस अवसर पर मंदिर परिसर में एक पुस्तकालय खोलने का भी प्रस्ताव पास किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान थे। उन्होंने तत्काल प्रभाव से मंदिर परिसर में पुस्तकालय खोलने का आदेश जारी किया।