नई दिल्ली। भारत चीन के बीच एलएसी पर हुईहिंसक झड़प में भारत के बीस जवान एक कर्नल सहित शहीद हुए थे। इसके पीएम ने सर्वदलीय बैठक में सीमा की स्थिति के बारे में चर्चा की और सभी को पूरी जानकारी दी थी। अब पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी को सलाह दी कि उन्हेंसीमा विवाद पर बयान देते समय सावधान रहना चाहिए। इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री नेपीएम मोदी सेकहा कि चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए 20 सैनिकों के लिए न्याय सुनिश्चित करें और भारत की क्षेत्रीय अखंडता का बचाव करें। सिंह ने कहा कि आज हम इतिहास के एक नाजुक मोड़ पर खड़े हैं। हमारी सरकार के निर्णय एवं सरकार द्वारा उठाए गए कदम तय करेंगे कि भविष्य की पीढ़ियां हमारा आकलन कैसे करेंगी। जो देश का नेतृत्व कर रहे हैं, उनके कंधों पर कर्तव्य का गहन दायित्व है। उनके मुताबिक हमारे प्रजातंत्र में यह दायित्व देश के प्रधानमंत्री का है। प्रधानमंत्री को अपने शब्दों व घोषणाओं द्वारा देश की सुरक्षा एवं सामरिक तथा भूभागीय हितों पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति सदैव बेहद सावधान होना चाहिए।
साथ ही उन्होंने लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध पर पीएम के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि मोदी को अपने बयान से चीन के षड्यंत्रकारी रुख को ताकत नहीं देनी चाहिए तथा सरकार के सभी अंगों को मिलकर मौजूदा चुनौती का सामना करना चाहिए। पीएम चीन को अपने शब्दों का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दे सकते। पीएम को हमेशा अपने शब्दों लेकर राष्ट्र की सुरक्षा पर घोषणाओं के लिए सावधान रहना चाहिए। कूटनीति के लिए गलत जानकारी सही नहीं है। बता देंकि पीएम मोदी ने सर्वदलीय बैठक मेंचीन भारत सीमा विवाद पर कहा था कि न कोई हमारे क्षेत्र में घुसा और न ही किसी ने हमारी चौकी पर कब्जा किया है। बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय ने शनिवार को स्पष्टीकरण दिया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सर्वदलीय बैठक में की गई टिप्पणियों की कुछ हलकों में शरारतपूर्ण व्याख्या की कोशिश की जा रही है।
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