Manipur Violence (आज समाज), इंफाल: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में जारी हिंसा को एक साल से ज्यादा समय हो गया है और आज मैतेई और कुकी समुदाय पहली बार बैठक करेंगे। देश की राजधानी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्रालय की अध्यक्षता में यह मीटिंग होगी और दोनों समुदायों के विधायक और नेता इसमें शामिल होंगे। बता दें कि पिछले साल तीन मई को राज्य में जातीय हिंसा शुरू हुई थी।
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हिंसा में अब तक मारे जा चुके हैं इतने लोग
गृह मंत्रालय का प्रयास है कि हिंसा का शांतिपूर्वक हल निकाला जा सके। 23 मई 2023 के बाद से हिंसा में अब तक 220 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है ओर 1000 से अधिक लोग घायल हुए हैं। साथ ही 60 हजार से अधिक लोग बेघर हो चुके हैं। बेघर हुए अधिकतर लोग शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं। बता दें कि मई-2023 के बाद से कुछ समय की शांति के बाद राज्य में नए सिरे से कई दफा हिंसा भड़क चुकी है।
कुकी ने शांति समझौते पर किए थे दस्तख्त
इस वर्ष अगस्त में राज्य के जिरीबाम में और कुकी के लोगों ने शांति समझौते पर दस्तख्त किए थे। इसमें फैसला हुआ था कि जिरीबाम में दोनों पक्ष यानी मैतेई और कुकी गोलीबारी और आगजनी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए सुरक्षा बलों का सहयोग करेंगे। साथ ही स्थिति सामान्य करने की दिशा में दोनों समुदायों के लोग काम करेंगे। हालांकि इसके बावजूद राज्य में अब तक शांति बहाल नहीं हो चुकी है।
मीटिंग में तीन नगा एमएलए भी होंगे शामिल
नगा समुदायों के विधायकों को भी बैठक में बुलाया गया है। तीन नगा एमएलए मीटिंग में शामिल होंगे। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि मैतेई और कुकी के कितने एमएलए मीटिंग में भाग लेंगे। बैठक में आने वाले 3 नगा विधायकों में राम मुइवा, अवांगबोउ न्यूमाई और एल. दीको हैं और ये मणिपुर में सत्तारूढ़ बीजेपी के सहयोगी नगा पीपुल्स फ्रंट के मेंबर हैं।
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