Aaj Samaj (आज समाज), Manipur Violence Update, इंफाल: मणिपुर में हिंसा थम गई है लेकिन पूरी तरह हालात सामान्य होने में टाइम लगेगा। राज्य के चूराचांदपुर जिले में रविवार सुबह सात से 10 बजे तक कर्फ्यू हटाया गया ताकि लोग जरूरत का सामान खरीद सकें। इसके बाद 10 बजे सेना व असम राइफल्स ने पूरे जिले में फ्लैग मार्च किया। उधर मणिपुर हाईकोर्ट के मैतेई समुदाय को एसटी में शामिल करने के आदेश के खिलाफ बीजेपी के विधायक डिंगांगलुंग गंगमेई सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।
19 अप्रैल को विचार करने को कहा था
दरअसल, 19 अप्रैल को हाईकोर्ट ने मणिपुर सरकार को मैतेई समुदाय के लोगों को एसटी कैटेगरी में शामिल करने पर विचार करने को कहा था। इसी आदेश के खिलाफ पिछले सप्ताह बुधवार को आदिवासियों द्वारा निकाले गए मार्च के बाद हिंसा भड़की थी। हिंसा के दौरान आगजनी व अन्य घटनाओं में 54 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से ज्यादा लोग घायल हैं।
23 हजार से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया : किया
सेना के मुताबिक, अब तक सभी समुदायों के 23 हजार से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू कर उन्हें सैन्य कैंपों में भेजा गया है। डिंगांगलुंग गंगमेई ने कहा है कि मैतेई समुदाय एक जनजाति नहीं है और इसे कभी इस रूप में मान्यता भी नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि ये आदेश देना हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। इस पर सिर्फ राज्य सरकार फैसला ले सकती है। ये आदेश अवैध है और इसे रद्द किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट को यह समझना चाहिए था कि ये राजनीतिक मुद्दा है और इसमें हाईकोर्ट की कोई भूमिका नहीं है। हाईकोर्ट के इस फैसले से आदिवासियों के बीच गलतफहमी पनपी और तनाव बढ़ा। उन्होंने रउ से हाईकोर्ट के इस आदेश पर स्टे लगाने की मांग की है।
सभी लोग स्थिति सामान्य करने के लिए काम करें : मुख्यमंत्री
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य में हालात को संभालने के लिए शनिवार को आल पार्टी मीटिंग की थी। मीटिंग में उन्होंने कहा कि सभी लोग पार्टी लाइन से हटकर तनाव को कम करने और स्थिति सामान्य करने के लिए काम करें। सभी लोगों ने इस पर सहमति भी जताई।
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