Aaj Samaj (आज समाज), Manipur Violence, इंफाल: मणिपुर में दो छात्रों की कथित हत्या के विरोध में मंगलवार से जारी प्रदर्शन अभी थमे नहीं हैं। उपद्रवियों ने कल राज्य के थाउबल जिले में बीजेपी के दफ्तर को आग के हवाले कर दिया। वहीं इंफाल में पार्टी की स्टेट प्रेसिडेंट शारदा देवी के घर पर तोड़फोड़ कर दी। गौरतलब है कि राज्य में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच 3 मई से हिंसा जारी है और कुछ दिन शांति के बाद छात्रों के शवों की फोटो सामने आने के बाद दोबारा प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। इस मामले की जांच के लिए सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर अजय भटनागर अपनी टीम के साथ बुधवार को इंफाल पहुंचे थे।
- राज्य के पहाड़ी इलाकों में 6 माह तक लागू रहेगा अफ्सफा
जुलाई से लापता थे दोनों छात्र, 23 को शवों का फोटो वायरल
दोनों छात्र जुलाई से लापता थे और 23 सितंबर को मोबाइल इंटरनेट से बैन हटने के बाद दोनों छात्रों के शवों की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। तस्वीर में दोनों छात्रों के शव जमीन पर पड़े दिख रहे हैं। हालांकि शव अभी तक नहीं मिले हैं। जुलाई में दोनों छात्र एक दुकान में लगे सीसीटीवी में दिखाई दिए थे। उसके बाद से उनका पता नहीं चल सका है। वारदात का पता चलने के बाद से
बीते कल भी हजारों छात्रों ने प्रदर्शन किया
बुधवार को लगातार दूसरे दिन भी प्रदर्शन हुआ। हजारों छात्र सड़क पर विरोध जताने उतरे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की जिसमें कुछ स्टूडेंट घायल हुए। 26 सितंबर को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें पुलिस को गोली चलानी पड़ी। हालात बिगड़ता देखकर सरकर ने राज्य के पहाड़ी इलाकों में अफ्सफा अभी लागू रखने का निर्णय लिया है। सरकार ने इसे एक अक्टूबर से छह माह के लिए बढ़ा दिया है।
1697 लोगों को हिरासत में लिया गया
राजधानी इंफाल सहित कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़प हुई। पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले, नकली बम फेंके। साथ ही पैलेट गन भी चलाई। इसमें कई स्टूडेंट घायल हो गए। वहीं, एक छात्र के सिर में छर्रे घुसने से उसकी हालत गंभीर है। इंफाल घाटी में पिछले 2 दिन में हुए प्रदर्शन में 50 लोग घायल हो गए। इनमें ज्यादातर छात्र हैं।
19 थाना क्षेत्रों को अफ्सफा से अलग रखा गया
राज्य के केवल 19 थाना क्षेत्रों को अफ्सफा से अलग रखा गया है। जिन 19 थाना क्षेत्रों को अफ्सफा से अलग रखा गया है, उनमें इंफाल, लेंफेल, सिटी, सिंग्जमेई, सेकमई, लामसांग, पत्सोई, वांगोई, पोरोमपट, हेंगेंग, लामलाई, इरिलबुंग, लेमखोंग, थोबुल, बिष्णुपुर, नांबोल, मोइरोंग, काकचिंग और जिरिबम शामिल हैं। बता दें कि राज्य में गत जुलाई से लापता दो छात्रों की हत्या के विरोध के बाद में हिंसा बढ़ गई है।
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