Manipur Violence Report: मणिपुर में महिला की गोली मारकर हत्या, चेहरा भी बिगाड़ा

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Manipur Violence Report
मणिपुर में महिला की गोली मारकर हत्या, चेहरा भी बिगाड़ा

Aaj Samaj (आज समाज), Manipur Violence Report, इंफाल: मणिपुर में गत तीन मई से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच जारी हिंसा झड़पों के बीच अब एक महिला की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वारदात मणिपुर के इंफाल पूर्वी जिले के सावोमबुंग इलाके में शनिवार शाम की है। वहीं इंफाल पश्चिम जिले में शनिवार को उपद्रवियों तीन खाली ट्रकों में आग लगा दी।

  • इंफाल पश्चिम जिले में तीन खाली ट्रकों में आग लगाई

महिला के आवास पर चेहरा गोलियों से भूना

महिला की हत्या को लेकर सामने आई रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ हथियारबंद लोगों ने 50 वर्षीय महिला के आवास पर उसका चेहरा गोलियों से भून दिया। हमलावरों ने चेहरे पर गोली मारी और भागने से पहले उन्होंने महिला का चेहरा भी बिगाड़ दिया। पुलिस के अनुसार, पीड़ित महिला मारिंग नागा सुमदाय से थी और माना जा रहा है कि वह मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से परेशान थीं।

सर्च अभियान

फिलहाल इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और पुलिस के जवान आसपास के इलाके और घरों में संदिग्ध हथियारबंद लोगों की गिरफ्तारी के लिए सर्च अभियान चला रही है। पुलिस के अनुसार तीन खाली ट्रकों को आग लगाने की ताजा वारदात सेकमाई थाना क्षेत्र के अवांग सेकमाई की है। एलपीजी सिलेंडरों के परिवहन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ट्रक खुले मैदान में खड़े थे, जब उनमें आग लगाई गई।

मई से अब तक 150 से ज्यादा लोगों की मौत

मणिपुर में पिछले 75 दिनों से कुकी और मैतेई समुदाय के एक-दूसरे के खिलाफ हथियार लेकर खड़े हैं। हिंसा में अब तक 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 1000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 65,000 से अधिक लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। आगजनी की 5 हजार से ज्यादा घटनाएं हुई हैं। 6 हजार मामले दर्ज हुए हैं और 144 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। राज्य में 36 हजार सुरक्षाकर्मी और 40 आईपीएस तैनात किए गए हैं।

जानिए विवाद की वजह

मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाई कोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला था। इसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल किया जाए। बाकी दोनों जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं। इसी को लेकर विवाद हो रहा है।

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