Manipur Protest Updates, (आज समाज), इंफाल: मणिपुर में जारी गतिरोध के बीच राज्य सरकार ने तीन जिलों में निषेधाज्ञा यानी कर्फ्यू लागू कर दिया है। बता दें कि प्रदेश में ड्रोन हमलों के बाद शांति बहाली की मांग को लेकर छात्रों के साथ ही मैतेई समुदाय के लोगों ने भी 8 और 9 सितंबर को राजभवन और मुख्यमंत्री आवास पर प्रदर्शन किया था। इसके बाद इंफाल के पूर्वी और पश्चिमी जिलों-इंफाल ईस्ट, इंफाल वेस्ट और थौबल में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है। बता दें कि राज्य में हुई ताजा हिंसक घटनाओं में कम से कम 8 लोगों की मौत हो चुकी है और 12 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
पूर्वी और इंफाल पश्चिम के डीएम ने आदेश जारी करके कहा है कि जिले में कानून और व्यवस्था की स्थिति के चलते, 10 सितंबर की सुबह 11 बजे से कर्फ्यू में ढील देने के पहले के आदेश तत्काल प्रभाव से रद किए गए हैं, इसलिए, अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से तीन जिलों में पूर्ण कर्फ्यू लागू रहेगा। इसके तहत अब लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने से रोका जा रहा है। थौबल में बीएनएसएस की धारा 163 (2) के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है।
डीएम के आदेश में कहा गया है, पिछले साल एक सितंबर से लोगों के अपने-अपने आवासों से बाहर आवागमन पर प्रतिबंध हटा लिया गया था। गौरतलब है कि पहले 10 सितंबर के लिए कर्फ्यू में छूट तड़के पांच बजे से शाम 10 बजे तक थी, पर ताजा आदेश के तहत इसे समाप्त कर दिया गया है। हालांकि, अदालत, मीडिया, बिजली व स्वास्थ्य सहित जरूरी सेवाओं को कर्फ्यू के दायरे से बाहर रखा गया है।
बता दें कि प्रदर्शनकारी स्टूडेंट्स पुलिस महानिदेशक डीजीपी और राज्य सरकार के सुरक्षा सलाहकार को हटाने की मांग कर रहे हैं। 9 सितंबर को राजभवन पर पथराव के बाद पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा है। हालात को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले और रबर बुलेट दागे थे, जिसमें 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। देर रात महिलाओं ने मशाल जुलूस निकाला था। इसके बाद प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया है।
छात्रों का आरोप है कि डीजीपी और सुरक्षा सलाहकार राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को संभालने में असमर्थ हैं। छात्र प्रतिनिधियों ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने डीजीपी और सुरक्षा सलाहकार के अलावा एकीकृत कमान, जिसकी वर्तमान में अध्यक्षता केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के पूर्व डीजी कुलदीप सिंह कर रहे हैं, उसे राज्य सरकार को सौंपे जाने की मांग की है।
पुलिस का दावा है कि सोमवार को जिले में प्रदर्शनकारी छात्रों में से किसी ने गोली चलाई जिससे एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। इस बीच कई स्कूलों और कॉलेजों के सैकड़ों छात्रों ने इंफाल के ख्वाइरामबंद महिला बाजार में लगाए गए शिविरों में रात बिताई। छात्र नेता चौधरी विक्टर सिंह ने मंगलवार सुबह पत्रकारों से कहा, हमने राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को अपनी छह मांगों पर जवाब देने के लिए 24 घंटे की समयसीमा दी है। समयसीमा समाप्त होने के बाद हम अपनी कार्रवाई के बारे में फैसला करेंगे।
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