Manipur Violence, (आज समाज), इंफाल: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में ताजा हिंसा के कारण फिर बिगड़े हालात को लेकर राज्य सरकार सहित अन्य दल भी चिंतित है। इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह द्वारा सोमवार रात को राजधानी इंफाल में बुलाई गई बैठक में सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के 27 विधायक शामिल हुए और उन्होंने
कुकी उग्रवादियों के खिलाफ तत्काल बड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।
- हाल ही में हुई है 3 महिलाओं और 3 बच्चों की हत्या
- मीटिंग में अफस्पा लागू करने की समीक्षा की भी मांग
6 हत्याओं के लिए कुकी जिम्मेदार
मणिपुर विधानसभा में 60 विधायक हैं।सीएम के अलावा, बैठक में केवल 26 विधायक ही आए। इन 26 में से 4 एनपीपी के हैं, जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पहले ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिखकर वर्तमान सीएम से समर्थन वापस ले लिया है। बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि मणिपुर में कुकी उग्रवादियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जाए। बता दें कि हाल ही में राज्य के जिरीबाम जिले में हत्याएं हुई हैं और इसके लिए कुकी को जिम्मेदार ठहराया गया है। जिले में कुछ दिन पहले तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव मिले थे।
‘गैरकानूनी संगठन’ घोषित करने की मांग
प्रस्ताव में कुकी उग्रवादियों को 7 दिनों के भीतर ‘गैरकानूनी संगठन’ घोषित करने की मांग की गई है। इसके अलावा विधायकों ने केंद्र से 14 नवंबर को जारी निर्देश के अनुसार क्षेत्र में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (अफस्पा) लागू करने की समीक्षा करने का भी आग्रह किया है। साथ ही जिरीबाम में हुई 6 मैतई महिलाओं व बच्चों की हत्या के अलावा बिष्णुपुर जिले में भी हुई एक मैतेई महिला की हत्या की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी गई है।
7 दिन में कार्रवाई नहीं तो तय होगा अगला कदम
विधायकों ने यह भी कहा है कि अगर इन प्रस्तावों पर निर्धारित अवधि के भीतर कार्रवाई नहीं की जाती है, तो एनडीए के एमएलए मणिपुर के लोगों से परामर्श करके अगला कदम तय करेंगे। उन्होंने मंत्रियों व विधायकों की संपत्तियों पर हमलों की भी निंदा की और कहा कि उच्चाधिकार प्राप्त समिति के निष्कर्षों के आधार पर इन मामलों में कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा जारी बयान में आश्वासन दिया गया कि राज्य और केंद्र सरकार दोनों शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।
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