Aaj Samaj (आज समाज), Manipur, इंफाल: मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़क गई। सोमवार को राजधानी इंफाल में उपद्रवियों ने खाली मकानों में आग लगा दी जिसके बाद स्थिति को देखते हुए सरकार ने सेना तैनात कर दी है और संकटग्रस्त इलाके में कर्फ्यू लगा दिया है। 26 मई तक इंटरनेट भी बैन कर दिया है।
मैतेई और कुकी समुदाय के बीच झगड़ा बना वजह
रिपोर्टों के मुताबिक कल सुबह 10 बजे इंफाल के न्यू लंबुलेन इलाके की लोकल मार्केट में जगह को लेकर मैतेई और कुकी समुदाय के बीच झगड़ा हो गया। इसके बाद उपद्रवियों ने कुछ घरों में आग लगा दी। पुलिस ने 2 उपद्रवियों को पकड़कर उनसे हथियार बरामद किए हैं।
अब तक 10 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित
राज्य में हिंसा की वजह से अब तक 10 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं। सरकार ने दंगाइयों को गोली मारने का आदेश दे रखा है। हिंसक घटनाओं में अब तक 74 लोगों की मौत हो चुकी है। 230 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। 1,700 घरों को जलाया गया है।
तीन मई को चुराचांदपुर जिले में भड़की थी हिंसा
गौरतलब है कि मणिपुर में गत 3 मई को चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके से हिंसा भड़की थी। इस दिन आॅल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ने आदिवासी एकजुटता मार्च बुलाया था। चुराचांदपुर में गत 4 मई को मुख्यमंत्री एन. वीरेन सिंह के कार्यक्रम से पहले प्रदर्शनकारियों ने उनके मंच पर तोड़फोड़ और आगजनी की। इसके बाद राज्य के 10 से अधिक जिलों में हिंसक झड़प हुई थी। राज्य में हिंसा भड़कने के बाद पहले 3 मई को भी कर्फ्यू लगाया गया था। साथ ही अफवाह फैलाने और फेक न्यूज पर लगाम कसने के लिए इंटरनेट और मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर सख्ती की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट में मामला, जुलाई में सुनवाई
गत 17 मई को मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई थी। कोर्ट ने राज्य सरकार को हिंसा प्रभावित लोगों को दी जा रही राहत, सुरक्षा, पुनर्वास पर नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर ट्राइबल फोरम और हिल एरिया कमेटी ने याचिकाएं दाखिल की हैं। गर्मी की छुट्टी खत्म होने के बाद जुलाई में कोर्ट एक बार फिर इस मामले की सुनवाई करेगी।
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