Manipur Conflict Update: सुरक्षा बलों से हथियार लूटने की कोशिश, फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत, जवान को लगी गोली

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Manipur Conflict Update
सुरक्षा बलों से हथियार लूट की कोशिश, फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत, जवान को लगी गोली

Aaj Samaj (आज समाज), Manipur Conflict Update, इंफाल: मणिपुर में संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य के थौबल जिले में पिछले कल भीड़ ने कथित तौर पर भारतीय आरक्षित बटालियन (आईआरबी) के एक शिविर से हथियार लूटने की कोशिश की। इस बीच सुरक्षा बलों के साथ हुई झड़प में 27 साल के एक व्यक्ति की मौत हो गई। एक अधिकारी के मुताबिक झड़प के दौरान असम राइफल्स के एक जवान को गोली मारी गई।

सशस्त्र भीड़ ने पहले गोलियां चलाई

अधिकारियों ने बताया कि भीड़ ने जैसे ही हथियार व गोला-बारूद लूटने के लिए खंगाबोक इलाके में तीसरी आईआरबी बटालियन के कैंप पर हमला करने की कोशिश की, उसी दौरान सुरक्षा बलों के साथ झड़प हो गई। सुरक्षा बलों ने स्थिति को काबू करने की कोशिश की। उन्होंने पहले आंसू गैस के गोले व रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया। जैसे ही सशस्त्र भीड़ ने गोलियां चलाईं, बलों ने जवाबी कार्रवाई की।

झड़पों में 10 अन्य लोग भी घायल

अधिकारियों ने बताया कि भीड़ ने कैंप की तरफ जा रही असम राइफल्स की एक टीम पर गोलीबारी की, जिसमें एक जवान घायल हो गया। भीड़ ने जवानों के वाहन को भी आग लगा दी। उन्होंने बताया कि झड़पों में 10 लोग भी घायल हुए हैं। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।

रोनाल्डो नाम के एक व्यक्ति की इंफाल ले जाते समय रास्ते में मौत

झड़प में रोनाल्डो नाम के एक व्यक्ति को गोली मार दी गई। उन्हें पहले थौबल जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बाद में उनकी हालत गंभीर होने के कारण इंफाल के एक अस्पताल में रेफर कर दिया गया। अधिकारियों ने बताया इस बीच रास्ते में उनकी मौत हो गई।

यह है मामला, तीन मई को शुरू हुआ था संघर्ष

अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद राज्य में पहली बार हिंसा भड़की थीे। अब तक राज्य में विभिन्न झड़पों में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और कई अन्य घायल हुए हैं। वहीं हजारों लोगों ने राहत शिविरों में शरण ली है।

मैतई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत

मणिपुर की आबादी में मैतई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। जनजातीय नागा और कुकी आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

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