Aaj Samaj (आज समाज),  Manipur Assembly Session, इंफाल: विपक्ष के हंगामे के कारण मंगलवार को मणिपुर विधानसभा का मानसून सत्र पूरा दिन भी नहीं चल सका। राज्य में गत मई से जारी जातीय हिंसा के बाद एक दिवसीय सत्र बुलाया गया था। कांग्रेस के विधायक सत्र के एक दिन बुलाने पर नाराज थे। उनका कहना था कि राज्य में करीब चार महीने से जारी हिंसा के बीच एक दिन का विधानसभा सत्र अपर्याप्त है।

  • बीरेन सरकार ने बुलाया था एक दिवसीय मानसून सत्र
  • सभी 10 कुकी व जोमी विधायकों ने बहिष्कार किया

चर्चा करने के लिए एक दिन पर्याप्त नहीं : कांग्रेस

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने कहा कि जातीय संघर्ष से जूझ रहे मणिपुर में मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने के लिए एक दिन पर्याप्त नहीं है। वे सत्र को कम से कम पांच दिन तक बढ़ाने की मांग करते हुए हंगामा कर रहे थे। स्थिति बिगड़ती देखकर विधानसभा अध्यक्ष सत्यब्रत सिंह ने सदन की कार्रवाई शुरू होने के करीब एक घंटे बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित स्थगित कर दी। राज्य के सभी 10 कुकी-जोमी विधायकों ने सत्र का बहिष्कार किया। इनमें दो मंत्री भी शामिल हैं।

जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत

कुकी-जोमी संगठन ने सरकार से सत्र को आगे बढ़ाने की मांग की थी। सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे हिंसा में मारे गए लोगों के लिए दो मिनट के मौन के साथ शुरू हुई। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मारे गए लोगों पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ऐसे समय में उन लोगों के लिए शब्द अपर्याप्त लगते हैं, जिन्होंने संघर्ष में अपने परिजनों को खो दिया है। बता दें कि तीन मई से जारी जातीय हिंसा में राज्य में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। ऐसे में यह विधानसभा सत्र काफी मायने रखता था।

हंगामे के बीच सत्र जारी रखना असंभव : अध्यक्ष

कांग्रेस विधायकों ने सदन में कहा, मजाक बंद करो। उन्होंने चलो लोकतंत्र बचाएं का नारा लगाना शुरू कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष सत्यब्रत सिंह ने विपक्षी विधायकों से बैठने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने हंगामा जारी रखा। इसके बाद सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई। दोबारा जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, कांग्रेस विधायकों ने फिर विरोध करना शुरू कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हंगामे के बीच सत्र जारी रखना संभव नहीं है, इसलिए सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की जाती है।

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